जौनपुर(उत्तर प्रदेश)
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अब हमारे गाँव में एकता नहीं रही,
इन्सानों के दिल में नेकता नहीं रहीl
होलिका दहन करते थे सब साथ मिलकर,
अब खर-कतवार जुटाने की चिंता नहीं रहीl
जाते थे हम घर-घर जो गुलाल लेकर,
अब पड़ोसियों से भी मित्रता नहीं रहीl
पी के शराब बकते हैं घर में जो गालियाँ,
उनमें पूर्वजों-सी नैतिकता नहीं रहीl
त्योहारों के मायने बदल गये हैं दीपक
,
हममें त्योहार मनाने की उत्सुकता नहीं रहीll
परिचय-दीपक शर्मा का स्थाई निवास जौनपुर के ग्राम-रामपुर(पो.-जयगोपालगंज केराकत) उत्तर प्रदेश में है। आप वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावास में निवासरत हैं। आपकी जन्मतिथि २७ अप्रैल १९९१ है। बी.ए.(ऑनर्स-हिंदी साहित्य) और बी.टी.सी.( प्रतापगढ़-उ.प्र.) तक शिक्षित श्री शर्मा एम.ए. में अध्ययनरत(हिंदी)हैं। आपकी लेखन विधा कविता सहित लघुकथा,आलेख तथा समीक्षा भी है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कविताएँ व लघुकथा प्रकाशित हैं। विश्वविद्यालय की हिंदी पत्रिका से बतौर सम्पादक भी जुड़े हैं।दीपक शर्मा की लेखनी का उद्देश्य- देश और समाज को नई दिशा देना तथा हिंदी क़ो प्रचारित करते हुए युवा रचनाकारों को साहित्य से जोड़ना है। विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको लेखन के लिए सम्मानित किया जा चुका है।