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खुद बन अपना रखवाला

श्रीकृष्ण शुक्ल
मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश) 
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विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष………

वृक्ष काट कर इस धरती को,
तूने बंजर कर डाला।
भूजल का अतिशय दोहन कर,
रिक्त किया जल का प्याला॥
सूर्य ताप अब सह ना पाए,
मरुथल-सी बनती जाती।
पूछ रही मानव से धरती,
ये तूने क्या कर डाला॥

अपने ही जीवन को तूने,
कैसे संकट में डाला।
जंगल काटे,नदियाँ बाँधीं,
घोर प्रदूषण कर डाला॥
ना सुधरा तो मिट जाएगा,
धरती का संरक्षण कर।
तेरे हाथ में तेरा जीवन,
खुद बन अपना रखवाला॥

परिचय-श्रीकृष्ण शुक्ल का साहित्यिक उपनाम `कृष्ण` हैl इनका जन्म तारीख ३० अगस्त १९५३ तथा जन्म स्थान-मुरादाबाद हैl वर्तमान में मुरादाबाद में बसे हुए श्री शुक्ल का स्थाई घर भी मुरादाबाद ही हैl उत्तर प्रदेश वासी श्री शुक्ल ने परास्नातक(अर्थशास्त्र)और तथा सीएआईआईबी की पढ़ाई की हैl आपका कार्यक्षेत्र-बैंक में नौकरी (सेवानिवृत्त अधिकारी)का रहा हैl सामाजिक गतिविधि के निमित्त आप सहजयोग आध्यात्मिक संस्था के माध्यम से ध्यान एवं तनावमुक्त जीवन यापन हेतु प्रचार-प्रसार में सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा देखी जाए तो-गीत, ग़ज़ल,मुक्तक,दोहे,छंदमुक्त तथा सामयिक विषयों पर लेखन जारी हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी एवं अँग्रेजी का रखते हैंl प्रकाशन के तहत साझा संग्रह-छाँव की बयार,उजास एवं काव्यधारा आपके खाते में है तो रचनाओं का प्रकाशन कई दैनिक और अन्य पत्र-पत्रिका में समय-समय पर होता रहता हैl इनको प्राप्त सम्मान में मुरादाबाद से काव्य प्रतिभा सम्मान ,रामपुर से काव्यरथी व काव्यधारा पीयूष सम्मान सहित ज्ञान मंदिर पुस्तकालय द्वारा वर्ष २०१८ का साहित्यकार सम्मान ख़ास हैl यह ब्लॉग पर भी अपने विचार रखते हैंl इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज को जागृत करना हैl आपके लिए प्रेरणा पुंज-प्रो.राजेश चंद्र शुक्ल हैंl रुचि-आध्यात्मिक चिंतन,ध्यान,लेखन तथा पुस्तकें पढ़ना हैl

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