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खुशियां बरसाता यह त्यौहार

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
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रक्षाबंधन विशेष…..

कितना अच्छा कितना प्यारा आता यह त्यौहार है,
हर भाई और बहन को बहुत भाता यह त्यौहार है।

सावन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को आता यह त्यौहार है,
भाई-बहन की प्रीत के गीत सुनाता यह त्यौहार है।

भाई के मस्तक पर कुमकुम-तिलक लगाता यह त्यौहार है,
बहन की रक्षा सदा करने का वचन निभाता यह त्यौहार है।

दूर देश से बहना को भाई के घर लाता यह त्यौहार है,
भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बंधाता यह त्यौहार है।

अपनी बहन से अमिट प्रेम संदेशा पाता यह त्यौहार है ,
सावन की फुहारों में खुशियां बरसाता यह त्यौहार है।

बचपन में रूठने-मनाने की यादें लौटाता यह त्यौहार है,
बहन की रक्षा सदा करने का वचन निभाता यह त्यौहार है ।

भाई-बहन के प्रेम के सुंदर पुष्प खिलाता यह त्यौहार है,
स्नेह की डोरी रिश्तों का अहसास जागता यह त्यौहार है।

परदेश में बैठे भाई को बहन की याद दिलाता यह त्यौहार है,
रूठे हुए सब भाई-बहनों को सदा मिलाता यह त्यौहार है॥

परिचय–विनोद कुमार सोनगीर का निवास मध्यप्रदेश के इन्दौर जिले में है,पर स्थाई निवास मंडलेश्वर में है। साहित्यिक उपनाम-कवि विनोद से पहचाने जाने वाले श्री सोनगीर की जन्म तारीख १ जुलाई १९८२ है। इनको भाषा ज्ञान-हिंदी व इंग्लिश का है। बी.एससी.(जीव विज्ञान),एम.ए.(समाज शास्त्र),एम.एससी.(रसायन) सहित डी.एड. और सी.टी.ई.टी. तक शिक्षित होकर कार्य क्षेत्र में शासकीय सेवक (शिक्षक)हैं। आप सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत पर्यावरण सुरक्षा,बालिका शिक्षा हेतु सदैव तत्पर हैं। कवि विनोद की लेखन विधि-गीत,ग़ज़ल, लेख और कविता है। कईं पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं को स्थान मिला है। प्राप्त सम्मान तथा पुरस्कार निमित्त आपको शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु व संगठन हित में सक्रिय भूमिका हेतु कर्मचारी संगठन से सम्मान,शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा हेतु ग्राम पंचायत उमरीखेड़ा द्वारा सम्मान आदि हासिल हुए हैं। विशेष उपलब्धि-उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित होना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-लेखन के माध्यम से सभी का शुद्ध मनोरंजन करना,व समाज को नई दिशा प्रदान करना है। आपकी नजर में पसंदीदा हिंदी लेखक सभी हैं,तो प्रेरणापुंज-डॉ.राहत इंदौरी हैं। इनकी विशेषज्ञता-श्रृंगार,हास्य, व्यंग्य और वीर रस पर लेखन की है। देश और हिंदी भाषा के प्रति अपने विचार-“देश में हिंदी साहित्य के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार अत्यंत आवश्यक है। हिंदी भाषा को इंग्लिश से बचाने के लिए साहित्य का प्रसार अत्यंत आवश्यक है।” कवि विनोद के जीवन का लक्ष्य-श्रेष्ठ कार्य सतत करते रहना है।

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