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चाँद इश्क़

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ 
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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चलो चाँद कुछ और
बताए,
हल्के हवा के झोंके
मंद मधुर चाँदनी में
हूर नूर का
अंदाज़ बताए।
चंचल चितवन शोख
अदाएं,
सावन का वासंती यौवन
इन्सा को हुस्न हैसियत
बताए।
चन्दन बिजली पानी,
जैसा चाँद आपका प्यार
चलो चाँद इंसा की,
खुशियों का
चमन बहार बनाए।
चाँद शरारत आपकी
शरमाना-छुप जाना,
लौट आना मुस्कुराना
इश्क हुस्न,ज़िन्दगी,
आशिक़ी का सुरूर
नाजुक नादां कमसिन,
मासूम हँसी
मुहब्बत का जुनून,
चलो चाँद इंसा को
प्यार यार यारी याराना,
ईमान बताए।
तपता सूरज गर्म
हवाएं,
जहां में इंसा का वजूद
बताए।
जागो चाँद बुझे दिलों में,
अरमानों का दीप
जलाए,
बिखरे चहरे पे
उम्मीदों की,
मुस्कान जगाए।
चाँद आपकी मस्ती,
हस्ती तमन्नाओं
का मैखाना,
चलो चाँद
दुनियाँ के इंसा को
उनकी चाहत,
हस्ती-मस्ती के पैमाने
का जाम पिलाए।
चाँद कहीं किस्मत
का नूर,
कहीं खुशकिस्मत चाँद
कहीं पूस कभी
अधूरा चाँद,
खूबसूरत हुस्न
का नाज़ चाँद।
फिर भी जहां
में नहीं बेदाग,
चाँद चलो चाँद
दुनिया को आज,
बेदाग नूर नजर का
चाँद दिखाए॥

परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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