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‘चित् तरंगिणी’ के द्वितीय अंक का विमोचन किया कुलपति और महामंडलेश्वर ने

देहरादून(उत्तराखंड)।

२१ अप्रैल को उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव के अवसर पर हिन्दी और संस्कृत काव्य जगत में पहचान बना रही चित् तरंगिणी पत्रिका के द्वितीय अंक का विमोचन किया गयाl विश्वविद्यालय के कुलपति देवीप्रसाद त्रिपाठी,निर्वाणी अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी प्रेमानन्द जी महाराज,पूर्व कुलपति एवं पतञ्जलि विश्वविद्यालय के वर्तमान उप-कुलपति प्रो.महावीर अग्रवाल ने यह कियाl
पत्रिका के सम्पादक रामचन्द्र ममगाँई पंकज ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी,प्रो.शैलेश तिवारी,योगाचार्य लक्ष्मीनारायण जोशी एवं संस्कृत के विद्वान आचार्य राधेश्याम जी का बि सानिध्य रहा। इस अवसर पर प्रो.महावीर अग्रवाल ने कहा कि पत्र-पत्रिकाओं का साहित्य के उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैl एेसी पत्रिकाएँ नवोदित साहित्यकारों को स्थापित करती है,और स्थापित साहित्यकार समय- समय पर जनजागृति का कार्य करते हैं।
पत्रिका की प्रधान सम्पादिका आराधना आनन्द ने उपस्थित लोगों को पत्रिका की जानकारी दी। सम्पादक रामचन्द्र ममगाँई पंकज ने कहा कि भारतीय संस्कृति,संस्कृत,संस्कार,समृद्धि को जन-जन तक पहुँचाने और युवाओं को भारतीय संस्कृति के प्रति सदभाव रखने के लिए प्रेरित करना हमारा उद्देश्य है।
इस अवसर प्रो.अरविन्द नारायण मिश्र,प्रो.प्रतिभा शुक्ला,डाॅ. कंचन तिवारी,प्रो.प्रकाश पन्त,डाॅ.अरुण मिश्रा.डाॅ.बिन्दुमति द्विवेदी और डाॅ.सुमन भट्ट सहित डाॅ.मीनाक्षी सिंह,धनेश्वर द्विवेदी तथा विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राएं भी उपस्थित थे।

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