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चुनाव का मुद्दा

सुशीला रोहिला
सोनीपत(हरियाणा)
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पक्ष-विपक्ष में बनते मुद्दे
घोटालों के बनते मुद्दे,
चारा घोटाला हो
या कोयला घोटाला,
दलदल में फँसी है
राजनीति।

भगौड़े बन जाते
प्रवासी जगत में उतरते,
वो करोड़ों का घोटला
बनता है एक मुद्दा।

रेलियों की लगी बड़ी होड़
पक्ष-विपक्ष के हाथों में,
आए हैं अपने-अपने
झण्डे,
कच्चे चिठ्ठे मुँह के ल॔बार
चीख-चीखकर करते बयान,
बेरोजगारी का रोजगार बने हम।

बातें बड़ी-बड़ी काम करेगे अच्छे
भ्रष्टाचार पर लगाए हम लगाम
रिश्वत का मिटाए नामो-निशान
शिक्षा में होगा अब बदलाव।

चेतावनी
नेताओं भाई-बहनों!
सत्ता का लालच छोड़ो
कुछ तुम सुधरो,कुछ हम सुधरें,
भारत में रामराज्य लाओ
राजनीति की जड़ करो हरी,
अध्यात्म का जल मन में छिड़काव।

स्वार्थ का परित्याग करे
परहित धर्म अपनाएं,
एक राष्ट्र,एक ध्वज,एक आत्मा
ऐसा भारत हम सब बन

परिचय-सुशीला रोहिला का साहित्यिक उपनाम कवियित्री सुशीला रोहिला हैl इनकी जन्म तारीख ३ मार्च १९७० और जन्म स्थान चुलकाना ग्राम हैl वर्तमान में आपका निवास सोनीपत(हरियाणा)में है। यही स्थाई पता भी है। हरियाणा राज्य की श्रीमती रोहिला ने हिन्दी में स्नातकोत्तर सहित प्रभाकर हिन्दी,बी.ए., कम्प्यूटर कोर्स,हिन्दी-अंंग्रेजी टंकण की भी शिक्षा ली हैl कार्यक्षेत्र में आप निजी विद्यालय में अध्यापिका(हिन्दी)हैंl सामाजिक गतिविधि के तहत शिक्षा और समाज सुधार में योगदान करती हैंl आपकी लेखन विधा-कहानी तथा कविता हैl शिक्षा की बोली और स्वच्छता पर आपकी किताब की तैयारी चल रही हैl इधर कई पत्र-पत्रिका में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका हैl विशेष उपलब्धि-अच्छी साहित्यकार तथा शिक्षक की पहचान मिलना है। सुशीला रोहिला की लेखनी का उद्देश्य-शिक्षा, राजनीति, विश्व को आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार मुक्त करना है,साथ ही जनजागरण,नारी सम्मान,भ्रूण हत्या का निवारण,हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाना और भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान प्रदान करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-हिन्दी है l आपकी विशेषज्ञता-हिन्दी लेखन एवं वाचन में हैl

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