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चूम के वो मंजिलों को…

भानु शर्मा ‘रंज’
धौलपुर(राजस्थान)

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चूम के वो मंजिलों को,पाँव वसुधा पर नहीं,
आदमी बदला कि जैसे,वक्त का भी डर नहीं।
जी रहा वो जिंदगी यों,खो असल निज नाम को,
मंजिलेें तो मिल गयी पर,भूल बैठा धाम को।
बीज जीवन की धरा पर,कर्म का वो बो गया,
पा सभी फल को मगर,जीत को वो खो गया।
रो रही थी जिंदगी जब,छत नहीं थी घर नहीं,
चूम के वो मंजिलों को,पाँव वसुधा पर नहीं॥

छिल गये थे पांव उसके,कंटकों की राह में,
दौड़ता मैं जा रहा था,मंजिलों की चाह में।
संकटों के थे निशां जो,राह में मिलते गये,
धूप में आता पसीना,पाँव भी जलते गये।
भूल के पीड़ा चला वो,धैर्य साधे हौंसला,
आंधियों में यों बनाते,खग ही जैसे घौंसला।
चूर करके वो नगों को,बढ़ रहा है रात-दिन,
जी रहा है ठान के वो,लौट कैसे लक्ष्य बिन।
जिंदगी की जंग में अब,जंग का अब डर नहीं,
चूम के वो मंजिलों को,पांव वसुधा पर नहीं॥

भावनाओं का समंदर,अश्क बन के बह गया,
देख किस्मत का तमाशा,वो अचंभित रह गया।
मल रहा वो हाथ अपने,सब यहाँ अब खो गया,
जागता वो तो रहा पर,भाग्य उसका सो गया।
त्याग तप वो साधना बिन,जिंदगी निर अर्थ है,
ठोकरें बिन आदमी रे,लक्ष्य पाना व्यर्थ है।
सीख बस इतनी मिली है,जिंदगी के मोड़ पर,
वक्त के साथ चलना है,औ सभी को छोड़कर।
ले दुआओं का असर भी,हाल निज से डर नहीं,
चूम के वो मंजिलों को,पांव वसुधा पर नहीं॥

परिचय-भानु शर्मा का साहित्यिक उपनाम-रंज है। जन्म तारीख २ अक्टूबर १९९५ और जन्म स्थान-बदरिका है। वर्तमान में बदरिका,धौलपुर (राजस्थान) में ही स्थाई बसेरा है। हिंदी भाषा जानने वाले रंज की शिक्षा-जी.एन.एम. और बी.ए. (हिंदी साहित्य) है। कार्यक्षेत्र-नर्सिंग होम में नौकरी है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भागीदारी करते हैं। सभी विधा में लेखन करते हैं। ‘काव्यांजलि'(सांझा संग्रह)सहित अन्य पत्र-पत्रिकाओं में भी करीब सौ रचना प्रकाशित हैं। इनको प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में-छंद रत्न,युवा साहित्य सम्मान और काव्य भूषण सम्मान प्रमुख हैं। ब्लॉग पर लेखन करने वाले भानु शर्मा की विशेष उपलब्धि-काव्य सम्मान और मंच पर कविता प्रस्तुति है। लेखनी का उद्देश्य-समाज को आईना दिखाना एवं कुरीतियों को खत्म करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-मुंशी प्रेमचंद एवं प्रेरणा पुंज-रामधारी सिंह दिनकर है। विशेषज्ञता-कविता पाठन है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-हिंदी हमारी माँ है उर्दू हमारी मौसी,दोनों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

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