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जीवन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
मुंबई(महाराष्ट्र)

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धीरे-धीरे गुजर रहा था जीवन,
फूलों-सा महक रहा था जीवन
हँसता-खिलखिलाता-सा था जीवन,
जितना था उसी में था खुश जीवनl

अपने में मिसरी-सा घुला था जीवन,
स्वच्छन्द और छोटी

उड़ानों वाला था जीवन,
निर्भीक और उत्साहित था जीवन
संगीतमय लग रहा था ये जीवनl

भक्ति आराधना में भी था लिप्त जीवन,
कैसा टूटा कहर मेरे इस संपन्न जीवन पर
बिखेर दिया पलभर में मेरे अरमानों को,
खोल दी गाँठ मेरी खुशियों की गठरी की
बदल गया अर्थ जीवन का
लगता है अब अर्थहीन ‘जीवन’l

लेकिन हारना नहीं मेरा मकसद,

फिर उम्मीद की किरण नजर आएगी

विडम्बनाओं और विपत्तियों को पार कर
एक बार फिर से लहलहाएगा मेरा ‘जीवन’ll

परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैl महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई की वासी ‘हेमाक्ष’ ने हिंदी में स्नातकोत्तर सहित बी.एड.,एम.फिल (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की है,और पी.एच-डी. की शोधार्थी हैंI आपका कार्यक्षेत्र मुंबई स्थित निजी महाविद्यालय हैl रचना प्रकाशन के तहत आपके द्वारा आदिवासियों का आन्दोलन,किन्नर और संघर्षमयी जीवन….! तथा मानव जीवन पर गहराता ‘जल संकट’ आदि विषय पर लिखे गए लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैंl हिंदी मासिक पत्रिका के स्तम्भ की परिचर्चा में भी आप विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता कर चुकी हैंl आपकी प्रमुख कविताएं-`आज कुछ अजीब महसूस…!`,`दोस्ती की कोई सूरत नहीं होती…!`और `उड़ जाएगी चिड़िया`आदि को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिला हैl यदि सम्म्मान देखें तो आपको निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार तथा महाराष्ट्र रामलीला उत्सव समिति द्वारा `श्रेष्ठ शिक्षिका` के लिए १६वा गोस्वामी संत तुलसीदासकृत रामचरित मानस पुरस्कार दिया गया हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा में लेखन कार्य करके अपने मनोभावों,विचारों एवं बदलते परिवेश का चित्र पाठकों के सामने प्रस्तुत करना हैl

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