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ज्वाला फिर से जलाना है

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

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नेताजी अवतरण दिवस विशेष….


‘नेताजी’ को याद करके,
श्रध्दासुमन अर्पित करता हूँ।
उनकी बोली बातों को,
जन-जन तक पहुंचाना है
और देशप्रेम की ज्वाला को,
युवाओं में फिर से जलाना है
और भारत को फिर से,
आजाद कराना है।

नेता जी का वो कथन,
युवाओं को तब भाया था
जब उन्होंने आजाद हिंद,
फौज को बनाया था
और कहा था कि ‘तुम मुझे,
खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा
और अपने हिंदुस्तान को,
अंग्रेजों से मुक्त करा लेंगे।

नेताजी खुद से और अपने,
साथियों से कहते थे कि
कमियाँ तो मुझमें बहुत है,
पर मैं बेईमान नहीं हूँ
मैं सबको अपना मानता हूँ और,
फायदा या नुकसान नहीं सोचता
शौक है बलिदान देने का,
जिसका मुझे गुमान नहीं
छोड़ दूँ संकट में अपनों का साथ,
वैसा तो मैं इंसान नहीं।
सबसे आगे मैं चलूँगा दोस्तों,
आप लोगों को पीछे चलना है।

मौका दीजिए अपने खून को,
औरों की रगों में बहने का
ये लाजवाब तरीका है हिंदुस्तानियों के,
दिलों में जिंदा रहने का
क्योंकि ये रिश्ते बड़े प्यारे होते हैं,
जिनमें न हक हो,न शक हो
न दूर हो न पास हो,
न जात हो न जज्बात हो
सिर्फ अपनेपन का हर दिल में,
बस देशप्रेम का एहसास हो।
और हमारा हिंदुस्तान हमेशा,
आजाद हो,आजाद हो॥

परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

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