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ड्यूटी

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष…………………


“जोशी मैडम,आपकी ड्यूटी कहाँ लगी है ? शुक्ला मैडम ने पूछा।
“हातौद के विद्यालय में।” उन्होंने जवाब दिया।
“शुक्ला मैडम आपकी ड्यूटी कहाँ लगी है ?”
“मेरी ड्यूटी गौतमपुरा के विद्यालय में लगी है। चलो शर्मा मैडम से पूछते हैं,उनकी ड्यूटी कहाँ लगी है।” दोनों शर्मा मैडम की ओर बढ़ गई। पूछने पर पता चला कि उनकी ड्यूटी चन्द्रावतीगंज में लगी है। अब जोशी मैडम ने व्यास सर से पूछा-“आपकी ड्यूटी कहाँ है सर ?” व्यास सर ने मुस्कुराते हुए कहा-“मेरी ड्यूटी शहर में घर के पास ही लगी है।” ये सब घटनाक्रम संकलन केन्द्र के बड़े से हॉल में चल रहा था,जहाँ अभी-अभी अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की बैठक ली गई थी। बैठक में बोर्ड परीक्षाओं के निर्देश दिए गए थे। बैठक की समाप्ति के पश्चात उनकी ड्यूटी के केन्द्र बताए जा रहे थे। केन्द्र का नाम सुनते ही कुछ शिक्षकों के चेहरों पर खुशी,तो कुछ के चेहरों पर उदासी दिखाई दे रही थी। सभी एक-दूसरे से केन्द्र का नाम पूछ रहे थे,ऐसा लग रहा था,जैसे बच्चों की परीक्षा के साथ-साथ शिक्षकों की भी परीक्षा हो रही है। पूरे घटनाक्रम को देखने के बाद पता चला कि अधिकांश पुरूष शिक्षकों की ड्यूटी शहर में ही लगाई गई थी,जबकि अधिकांश महिलाओं को शहर से दूर ड्यूटी के लिए भेजा गया था। दूरी भी कम न थी,लगभग ५० से ६० कि. मी. दूर उन्हें जाना था। एक पल को लगा कि ये बात बिलकुल ठीक नहीं है। महिलाओं को सुबह-सुबह इतनी दूर जाने में परेशानी होगी। कईं दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा,परन्तु दूसरे ही पल ये सोचकर मन को सुकून मिला कि,ये तो महिला सशक्तिकरण का सर्वोत्तम उदाहरण है। पुरूषों ने स्वयं ये समझ लिया है कि महिलाएं सब कार्य कर सकती हैं। शिक्षिकाओं ने भी अपने सशक्त होने का परिचय दिया। किसी ने भी ड्यूटी निरस्त नहीं करवाई और सभी शिक्षिकाएं अपने कार्य को सफलतापूर्वक सम्पादित करने हेतु केन्द्र की ओर चल दी।

परिचय-डॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी), एम.एड. करने के बाद पी.एच-डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। वर्तमान में डॉ.मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर लगातार अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-प्रतियोगिताओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान(जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैl वर्तमान में आप जिला शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर सहायक परियोजना समन्वयक के रुप में सेवाएं दे रही हैंl कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशित हो रहे हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य अपने लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

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