कैलाश भावसार
बड़ौद (मध्यप्रदेश)
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दिल अपना दोस्ताना रख,
दोस्तों से मिलना-मिलाना रख।
यूँ ही नहीं कोई बन जाता अपना,
दिल में किसी के ठिकाना रख।
जहाज के पंछी को लौटना भी है,
इतना न हवाओं से याराना रख।
निकाल कर मैल दिल से अपने,
प्यार के फूलों का आशियाना रख।
न जाने कब शाम हो जाएगी ‘कैलाश’,
दिन तो अपना तू सुहाना रख॥
परिचय-कैलाश भावसार का जन्म स्थान जीरापुर एवं जन्मतिथि ५ सितम्बर हैl वर्तमान में आपका निवास बड़ौद (जिला आगर मालवा),म.प्र.हैl मध्यप्रदेश के श्री भावसार ने एम.एस-सी. तथा बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की हैl कार्यक्षेत्र में अध्यापक होने के साथ ही सामाजिक गतिविधि के निमित्त सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में सक्रिय रहते हैंl आपकी लेखन विधा में गीत तथा कविता हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक जागरुकता बढ़ाने के साथ ही आनंद हासिल करना हैl