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देवी बना दें हम

सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’
छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश)
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नदी को माँ कहें बहना कहें,बेटी बना दें हम।
बहुत प्यासी बहन मेरी,इसे पानी पिला दें हम।

बने भागीरथी शिव की,जटाओं से बहे गंगा,
इसे बेटी बना इसको,हरी चुनर दिला दें हम।

मुझे बिरहन लगे फागुन,महीने में सभी नदियाँ,
इन्हें सावन महीने की,चलो दुल्हन बना दें हम।

मधुर सुर-ताल है इनमें,गज़ब के गीत गाती है,
चलो सुनसान नदियों को,ज़रा कलकल बहा दें हम।

यही दुर्गा यही लक्ष्मी,यही काली भवानी है,
नदी तो नाम है इसका,इसे देवी बना दें हम।

चलो पर्यावरण को शुद्ध,करने की कसम खाएँ,
लगाना पेड़ रोजाना, ‘सरल’ पूजा बना दें हम॥

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