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धरा पर जीवन है अनमोल

कैलाश भावसार 
बड़ौद (मध्यप्रदेश)
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विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष………

धरा पर जीवन है अनमोल,

धरा पर जीवन है अनमोल-

जल कण लेकर सोना उपजे समझो इसका मोलl

धरा पर जीवन है अनमोल….ll

सृष्टि की रचना का ब्रम्हा के मन में आया होगा,

इतनी सुंदर वसुंधरा पर स्वर्ग बनाया होगाl

श्यामल भू पर विहग वृन्द करते होंगे किल्लोल,

धरा पर जीवन है अनमोल…ll

मानव ने अपने हित साधने स्वर्णिम धरा उजाड़ी,

आधुनिकता में अंधे बन इसकी फ़िज़ा बिगाड़ीl

स्वार्थ सिद्ध करने मानव ने दिया जहर क्यों घोल,

धरा पर जीवन है अनमोल…ll

बोझ सभी का उठा-उठा कर,भी वसुधा ना हारी,

सहन किया सब कुछ,जैसे करती है माता प्यारीl

किंतु अब ना संभले हो जाएगी डांवाडोल,

धरा पर जीवन है अनमोल…ll

परिचय-कैलाश भावसार का जन्म स्थान जीरापुर एवं जन्मतिथि ५ सितम्बर हैl वर्तमान में आपका निवास बड़ौद (जिला आगर मालवा),म.प्र.हैl मध्यप्रदेश के श्री भावसार ने एम.एस-सी. तथा बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की हैl कार्यक्षेत्र में अध्यापक होने के साथ ही सामाजिक गतिविधि के निमित्त सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में सक्रिय रहते हैंl आपकी लेखन विधा में गीत तथा कविता हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक जागरुकता बढ़ाने के साथ ही आनंद हासिल करना हैl

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