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नमामि अम्बिके

पवन कुमार ‘पवन’ 
सीतापुर(उत्तर प्रदेश)

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सबने है घूरा माई,ज्ञान है अधूरा माई।
कर दो न पूरा माई,सुनो जगदम्बिके!
भक्त-भयहारिणी माँ,कष्ट की निवारणी माँ,
भवसिंधु तारिणी माँ,ओ री मेरी अम्बिके!
दुष्ट की विनाशिनी हो,अवगुण नाशिनी हो,
कण-कण वासिनी हो,तुम्हीं प्रलयम्बिके!
देख के तुम्हारी माया,मन मेरा भरमाया।
शरण तिहारी आया,शरण्ये त्रयम्बिके!

परिचय-पवन कुमार यादव का साहित्यिक उपनाम ‘पवन’ है। आपकी जन्मतिथि २० जुलाई १९९१ और जन्म स्थान-ग्राम गनेरा,जनप-सीतापुर (उत्तर प्रदेश )है। यहीं पर आपका वर्तमान निवास है। उत्तर प्रदेश के श्री यादव ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। आपका कार्यक्षेत्र कृषि कार्य करना है। साथ ही कविता लेखन भी करते हैं। लेखन विधा-छंद,गीत,मुक्तक तथा ग़ज़ल है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन मासिक पत्रिका सहित अंतरजाल और ई-पत्रिका पर भी हुआ है। प्राप्त सम्मान में आपके नाम साहित्य भूषण सम्मान-२०१७,श्रेष्ठ छंदकार सम्मान,साहित्य गौरव सम्मान एवं सवैया साधक आदि दर्ज हैं। पवन कुमार यादव की लेखनी का उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी की प्रगति व राष्ट्र सेवा है।

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