बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष…………………
नारी जननी देश की,महिमा बड़ी महान।
नारी से नर होत है,कर नारी सम्मान॥
नारी नर की शान है,ईश्वर का वरदान।
सुख उपजे चहुँओर है,जहाँ बसे भगवान॥
गाते गाथा देव भी,नारी परम पवित्र।
माता सीता शारदा,दुख में बनते मित्र॥
पुरुषों की होती प्रगति,इनमें नारी हाथ।
हर मौसम सुख-दुःख में,देती हरदम साथ॥
लीला अपरम्पार है,नारी माँ का रूप।
बचे नहीं है क्रोध से,देव दनुज या भूप॥
नहीं करो तुम कल्पना,नारी से संसार।
बिन नारी जग सून है,नारी शक्ति अपार॥