कुल पृष्ठ दर्शन : 253

You are currently viewing नारायणी हो तुम

नारायणी हो तुम

स्मृति श्रीवास्तव
इंदौर (मध्यप्रदेश)
*********************************************

नारी और जीवन (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)….

चाँद की चाँदनी हो तुम,
सूरज की अणिमा हो तुम
सुबह की बिखरी ओस हो तुम,
ईश्वर की अद्भुत कृति हो तुम
नारी ‘नारायणी’ हो तुम।

फूल की महकती खुशबू हो तुम,
भंवरे की गूंजती गुंजन हो तुम
कोयल की मीठी कूक हो तुम,
तितली की सुंदर उड़ान हो तुम।
नारी ‘नारायणी’ हो तुम…

जल की बहती धारा हो तुम,
सागर की गहराई हो तुम
बादलों की गरजना हो तुम,
बारिश की बिंदु हो तुम।
नारी ‘नारायणी’ हो तुम…

राम की सीता हो तुम,
कृष्णा की राधा हो तुम
भोले की पार्वती हो तुम,
साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा हो तुम।
नारी ‘नारायणी’ हो तुम…॥

परिचय : स्मृति श्रीवास्तव का जन्म १ नवम्बर १९७३ को कोलारस (जिला- शिवपुरी) में हुआ है। वर्तमान निवास स्थान इन्दौर में है। शिक्षा एम.ए. (इतिहास) है,जबकि पेशा परामर्श एवं लेखन है। गतिविधि के रूप में ५ साल से इंदौर लेखिका संघ और कई साहित्यिक समूह से जुड़ी हुई हैं।
राष्ट्रीय कहानी संग्रह,लघु कथा कहानी संग्रह,साझा काव्य संग्रह के अलावा पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ छप चुकी हैं।

Leave a Reply