मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’
महासमुंद(छत्तीसगढ़)
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विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष………
हे प्राणी सावधान!दुखित-द्रवित ब्रह्मांड,
जीवनदायिनी का जीवन है खतरे में।
विश्वास कर पृथ्वी में ही है,संभव जीवन,
तू भी पला यहां,झांक जरा अपने में।
जहां पला बढ़ा,उसका तो कर सम्मान,
ना उजाड़ पृथ्वी,विकास-विकास के सपने में।
परोपकारी,धैर्य वाली सुंदर पृथ्वी है महान,
सबका भला ही होगा सुरक्षित पृथ्वी रखने में॥