कुल पृष्ठ दर्शन : 317

You are currently viewing बेटियाँ

बेटियाँ

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात ) 
****************************************************************
एक मजदूर की बेटी,
जब स्कूल जाने की इच्छा जताती है
उस रात पिता को नींद नहीं आती है,
पहुंचाते हुए बेटी को स्कूल
दिखाई पड़तीं हैं उबड़-खाबड़ रास्तों से,
रफ्तार से गुज़रती बैने,मोटरसाइकिलें
कि हिल जाता है पिता अपनी जगह से,
और एक अमीर की बेटी
बगैर चाहत किए
खूबसूरत वस्त्र और लंच बाॅक्स के साथ,
गाड़ी से उतरकर स्कूल में प्रवेश करती हैl
भटकती है अनजाने क़िले में,
किसी कोने में
देह से बचपन उतर जाता है
उम्रभर सोचती है बचपन के बारे में,
नहीं लिख पाती
जिंदगी की किताब में बचपनl

भेड़ियों का कोई तयशुदा चेहरा नहीं होता,
न होते हैं निश्चिंत ठिकाने
वे धरती के किसी भी
कोने में,
मौजूद हो सकते हैं
अपने खूँखार
नाखून और दाँतों के साथ,
कहीं पर भी रौंद सकते हैं
एकदम ताज़ी फ़सल कोl

दर्द अमीर और गरीब नहीं देखता,
दोनों तरफ से
बेटियों को धकेला जा रहा है
बीच की खाई में,
नहीं आ पा रहीं हैं बाहर
सशक्तिकरण की बातें
सिर्फ एक तरफ़ के लोग करते हैं,
और दूसरी तरफ सिर्फ भूख है
जबकि दोनों के बीच,
एक सूत्र में बंधी है बेटियाँll

परिचयडाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. 
है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।

Leave a Reply