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मातृभूमि के लाल

कैलाश भावसार 
बड़ौद (मध्यप्रदेश)
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अपने रक्त से तिलक लगाया,
भारत माँ के भाल पर
जितना गर्व करें उतना कम,
मातृभूमि के लाल पर।

उऋण कभी ना हो पायेंगे,
क्रान्ति के दीवानों से
पार नहीं पा सके थे बुज़दिल,
जिन तीनों मस्तानों से
अंग्रेजों से कभी ना भय था,
अविजित थे जो काल पर।
जितना गर्व करें…॥

राज,भगत,सुखदेव अडिग थे,
देने अपने प्राणों को
काँप गया जल्लाद देखकर,
वीरों की मुस्कानों को
देशप्रेम भारी था देखा,
अंग्रेजों की चाल पर।
जितना गर्व करें…॥

धन्य थे माता और पिता,
जिनके कुल का वे मान थे
किया निछावर पुत्रों को,
कितने वो लोग महान थे
कर्ज रहेगा तीनों कुल का,
भारतवर्ष विशाल पर।
जितना गर्व करें…॥

परिचय-कैलाश भावसार का जन्म स्थान जीरापुर एवं जन्मतिथि ५ सितम्बर हैl वर्तमान में आपका निवास बड़ौद (जिला आगर मालवा),म.प्र.हैl मध्यप्रदेश के श्री भावसार ने एम.एस-सी. तथा बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की हैl कार्यक्षेत्र में अध्यापक होने के साथ ही सामाजिक गतिविधि के निमित्त सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में सक्रिय रहते हैंl आपकी लेखन विधा में गीत तथा कविता हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक जागरुकता बढ़ाने के साथ ही आनंद हासिल करना हैl

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