अनिल कसेर ‘उजाला’
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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प्यार को न त्याग कर,
नित नए विचार कर।
जिंदगी जो मिली तुझे,
इससे न व्यापार कर।
चार दिन का जीवन तेरा,
न इसे तू बेकार कर।
नित नए विचार कर…
कौन है जो जगत में रहा,
इस बात से न इन्कार कर।
सुमन हो या हो काँटे,
सबका तू आभार कर।
नित नए विचार कर…
आज आँसू है कल खुशी,
दोनों को स्वीकार कर।
धूप है तो छांव भी होगी,
खुद को यूँ न बेक़रार कर।
नित नए विचार कर…
ठोकर से ही सीख मिलती,
जख्मों से न चीत्कार कर।
शिखर पर जाना है तो,
निडरता से हुंकार कर।
नित नए विचार कर…
हार होगी,जीत भी होगी,
जज़्बे को अपना श्रृंगार करl
मंज़िल मिलेगी जरूर,
विश्वास का दिल में संचार कर।
नित नए विचार कर….ll
परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।