डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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सर्व मनोकामना पूर्ण करने का है,
यह मंगलमय पावन त्यौहार
सोमवती हरियाली अमावस का यह,
पवित्र और निर्मल दिन
लेकर आता है खुशियाँ और प्यार।
पीपल वृक्ष की एक सौ आठ,
परिक्रमा से पूर्ण होती है पूजा विधान
सुख-समृद्धि और सफलता पर,
तब चढ़ता है इसका असली उफ़ान
खुशहाली देते हैं शिवजी,
श्रीविष्णु जी देते हैं खूब यहाँ वरदान
खुशियाँ देती है अपार यह पूजा,
सबको मिलता है खूब सम्मान।
प्रकृति और धरती के प्रति,
है यह सुन्दर व दिल से एक आभार
सांस्कृतिक और प्राकृतिक उत्सव का,
मानों हमें मिल गया है उत्तम उपहार।
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व हैं,
इसके खूब अपार।
हरियाली अमावस के अमृत पर्व का,
सब जगह दिल से होता है इस कारण सत्कार॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।