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हिंदी का सम्मान हो

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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विश्व हिन्दी दिवस विशेष…

दुनिया में खलबली मचा,
रही है हमारी हिन्दी
वैश्विक संकेतों से,
अद्भुत चमत्कार दिखलाने
लगी है हमारी हिन्दी।

वैश्विक सम्मान और आदर,
पा रही हैं हमारी हिन्दी
दुनिया में ऐश्वर्य व प्रगति,
की राह पर चलने लगी है,
हमारी हिन्दी।

इंग्लिश हाँ कुछ हद तक,
दूषित कर रही हैं
हमारी हिन्दी मिलाप को,
सर्वोत्तम राह में चलने वाली
राह में रोड़ा अटका रही हैं,
इंग्लिश की यह आगे बढ़ने की
संताप को।

आसान है और जनता जनार्दन,
की भाषा है
समझने में देर नहीं,
सब सीखने की
अभिलाषा है।

जन-जन में खुशहाली लाने,
के लिए हमें हिंदी को
अग्रसर करनी है।
राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति,
हिंदी मिलाप से ही
हमें करनी है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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