नियति विशालता जानती है स्त्रियाँ

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष... समझ रही हैं स्त्रियाँ,बदल रही है बेटियाँरास्ता उन्हें स्वयं है बनाना,स्वयं को उन्हें है तराशनापढ़ रही हैं बेटियाँ गुन…

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ढलता सूरज

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* ढलता हुआ सूरज चल दिया पश्चिम की ओर,चल दिए पंछी भी पंक्तिबद्ध होकर नीड़ों की ओर। झूम उठा आसमां भी यूँ पंछियों को देख,चहक-चहक कर खुशी…

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मृदुल वाणी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** हमारी वाणी ही,हमारी पहिचान हैबिना वाणी के,हमारा शरीर बेजान है। वाणी मधुर हो तो,सुनने में आनंद आता हैऔर कठोर हो तो,मन खराब हो जाता है।…

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हवा मनचली

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* उड़ती आई हवा मनचली,हाथ पकड़कर मुझे ले चलीहौले से कानों में बोली,बहाकर मुझे संग ले चली।मार कुलांचे चली किधर ये,हिरनी जैसी हवा मनचली… आई है कब…

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आवाज की दुनिया

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** आवाज़ की दुनिया के दोस्तों…एकसाथ कई सितार बज उठे जैसे,स्वर-संगीत के दीवाने…बहुत सारे वायलिन बज उठे, अहा!अरे! ये कानों में गूंजते मधुर शब्द…जैसे इन आवाजों कोपरियों ने…

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यात्रा से लक्ष्य तक

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** लम्बी है सड़क, चलना तो पड़ेगा,लक्ष्य तक पहुंचना तो पड़ेगाकाँटे बहुत है राह में अभी,सम्भलना तो पड़ेगा। इरादे कर ले मजबूत,काँटों से घबराना नहीं हैअपनी मजबूरी को…

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मतलब

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* राम से मतलब नहीं,रहीम से मतलब नहींमुझे तो जो रोटी दे,उससे मतलब है। माँ धरती से मतलब है,पिता सूरज से मतलब हैदेते सबको अन्न…

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प्रेम का पौधा

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* प्रेम है क्या, प्रेम करने वाले प्रेमी जानेंगे, प्रेम के राग कोस्वार्थ के लिए प्रेम करने वाले, जानते नही प्रेम-त्याग को। प्रेम भी पौधे के समान…

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आज फिर…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आज फिर खो जाने का मन करता है-उन फिजाओं मेंउन सबाओं में,उन घटाओं मेंउन वादियों में। आज फिर थम जाने का मन करता है-उन राहों मेंउन…

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चूक

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** एक दिन मित्र के साथ चला मनोहरटांड,पीछे बैठी भाभी जी, देखने चलीं वो दुर्लभ टांडकार सवारी, साथ में मस्ती में शब्द-शब्द के बाण,शिक्षा जन्म स्थान…

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