आज फिर…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आज फिर खो जाने का मन करता है-उन फिजाओं मेंउन सबाओं में,उन घटाओं मेंउन वादियों में। आज फिर थम जाने का मन करता है-उन राहों मेंउन…

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चूक

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** एक दिन मित्र के साथ चला मनोहरटांड,पीछे बैठी भाभी जी, देखने चलीं वो दुर्लभ टांडकार सवारी, साथ में मस्ती में शब्द-शब्द के बाण,शिक्षा जन्म स्थान…

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अब जीना चाहता हूँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बहुत मार लिया खुद को, अब जीना चाहता हूँ,हाँ, मैं सुख के घूँट पीना चाहता हूँ। बहुत काफिले देख लिए, बस करो,अब थोड़ा रूकना भी चाहता हूँ।…

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चप्पलें

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** वह समा गई,धरती माँ की गोद मेंआखिर क्यों ?क्या संस्कारों की कमी थी!या संस्कारों के वशीभूत हो,खोल दी चप्पलें मुंडेर पर। क्यों अनजाने-अंधेरे लोक में प्रवेश किया,या…

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याद करेंगे

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* वक्त लुटेरा, क्या-क्या लूटा,आजीवन हम याद करेंगे। सबके दिल में खौफ समाया,सहारा-सहारा याद करेंगे। क्या-क्या छूटा, क्या-क्या टूटा,कतरा-कतरा याद करेंगे। आया था मौसम दर्दीला,लोग युगों तक…

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ये स्त्रियां…

बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** चलती थी जो पनघट कोछँकार होती थीये औरतें भी गजब कीफनकार होती थी।माथे पे बिंदियाआंखों में काजल सजातीइन आँखों से दुख छलकने नही देती थीये गज़ब की,अदाकार…

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गाता हूँ तेरे लिए

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** गीत यह मेरे,गाता हूँ तेरे लिए। गीत हैं मीत मेरे,यही जज़्बात मेरेदिल में बसा लेना,गाता हूँ तेरे लिए। प्रेम-कहानी प्यारी,हम हैं राजा-रानीयही प्यारा अफसाना,गाता हूँ तेरे लिए। सपने…

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सपना कुछ अधूरा

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** कुछ महफूज नहीं है इस दुनिया में,सबका कुछ अधूरा हैजिसे भी देखो वही दुखी है,भला किसका सपना पूरा है ? सपना हर कोई देखता है, सपना…

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जय शिव शम्भू

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जय शिव शम्भू महाकाल,जय सोमनाथ, जय-जय विश्वनाथ। आप महादानी, आप हैं कर्मयोगी,आपकी इस परम सत्ता मेंसिर्फ आपका ही नामहर-हर महादेव बोलें हम,दूजा और ना कोई…

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सत्कर्म ही मुक्ति का मर्म

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** जल्दी जाने की आपा-धापी में,बेचारा मन बेचैन हो चला हैकहीं पीछे ना रह जाऊँ सबसे,यही भाव अब मन में खला है। सोचकर यही बचपन में…

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