श्रीकृष्ण अवतार

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* आ गया भादो का महीना,घर-घर होने लगा है शोरश्रीकृष्ण का जन्म हुआ,नाचने लगा वन में मोर। श्रीकृष्ण जी गजब ढाए,लाए काली घटा घनघोरदेव लोक से आ…

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संगीत निराला संध्या का

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* संगीत निराला संध्या का,कतार बन गई पंछियों कीचहचहाकर जब जाने लगे,अपने नीड़ों की ओर सब पंछी। राह देख रहे नीड़ों में बच्चे,मुँह को खोल भोजन पानेशाम…

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शिक्षा-शिक्षक

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** शिक्षक दिवस विशेष... शिक्षा-शिक्षक-शिक्षक दिवस का,है अजीब ये नातापीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान हस्तांतरित,भारत भाग्य विधाता। 'अजस्र' जन्मदिवस,उस शिक्षक का इस दिन।देता जो शिक्षा,और 'शिक्षक'…

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बेगुनाह

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्रसव वेदना का दर्दझेल चुकी माँ,खुशियों के संग पातीनन्हें शिशु को। होंठों से शीश चूमतीतभी कल्पनाएँ भी,जन्म लेने लगतीउसके बड़े हो जाने की। नजर न लगेअपनी आँखों…

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हम शिक्षक

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* करें उजाला अखिल विश्व में,तम को दूर भगाते हैं।हम शिक्षक हैं ज्ञान के सागर,ज्ञानामृत पिलाते हैं॥ कैसी भी मुश्किल आ जाए,तनिक नहीं घबराते हैं।अगर अंधेरा छा…

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बता, क्या करूँ ?

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आती नहीं है नींद, बता दे मैं क्या करूँ,यादों में तू है बसी, तुझे याद मैं करूँ। सपनों में रोज, तुमको ही है आना,वादा है प्यार का, उसे…

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शाम हुई…

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** शाम हुई सुबह की,उद्यांचल से तपती हुईसूर्योदय के पराक्रम में,सहजता से प्रयन्त प्रयासों केउद्त प्रभावों से,समेटते हुए कार्य सम्पादन से। शाम हुई, कुछ कहने लगी,उन क्षणिक प्रलापों…

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धरा पर आ जाओ एक बार

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* जन्माष्टमी विशेष... माटी का कण-कण ये बोले,जो कर्ता-धर्ता सृष्टि काहाथ में जिसके सारी सत्ता,बिन मर्जी पत्ता न हिलता।विनती सुनिए श्याम मुरार,धरा पर आ जाओ एक बार…॥ गीता…

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चलो चलें हम ढूंढ लें उनको फिर से

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** सिखाने की हर विधा के माहिर,कला, विशिष्टता उनमें हो जाहिरशिष्ट-प्रतिभा जगाने में गुर माहिर,फिर पढ़-लिख हम बनते शातिर। स्लेट-पेंसिल हाथ सजाते,वर्ण-शब्द के बोल बतातेमुर्द्धा-तालू गिनती…

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राह दिखाते

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** शिक्षक दिवस विशेष... निर्माण के साथ,योग्यता को चरम पर पहुंचाने वालेश्रद्धेय शिक्षक,सबसे पहले पूजे जाते हैंमाता-पिता से पहले,पूज्यनीय गुरु हीजीवन की राह दिखाते हैं। पूजे नहीं गए तो फिर,कौन…

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