तबस्सुम उदास है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** आँखें हैं अश्क-बार तबस्सुम उदास है,अल्फ़ाज़ चुप हैं और तकल्लुम१ उदास है। मूसीक़ी२ बिन तेरे न रही मेरी ज़ीस्त३ में,टूटा है दिल का साज़…

0 Comments

आज मन विकल

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** आज मन मेरा विकल,करती सृजन इस आस मेंहो अगर यदि साथ मेरे,प्रकट हो प्रतिभास में। गूँजती बस एक ही ध्वनि,निज हृदय की प्यास मेंएक ही स्वर कर…

0 Comments

हर चुभन से जगी चेतना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शूल की हर चुभन से जगी चेतना,जगा आत्मविश्वास फिर से संभलनाथा घायल क्षत-विक्षत तिरोहित भावना,मुश्किलों की खाईयों में औंधे मुँह गिरीअभिलाषी सोच और मेहनतकशी…

0 Comments

साथ निभाना साथी

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ हर मुश्किल दौर में तुमसाथ निभाना साथी,कठिनाइयों के इस दौर मेंज़िन्दगी कितना इंतहान लेती है,पर मंज़िल की तलाश तो जारी है अभीआज दर्द हैं, दु:ख…

0 Comments

पैबंद कहाँ नहीं हैं! जिन्दगी…

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** क्या कहते होथेगले लगे हुए कपड़े क्यों पहने हैं ?शायद तुम आजकल का फैशन नहीं जानते,नामचीन शो-रूम से ये कपड़े खरीदे हैं। तुम कहते हो पैबन्द लगे…

0 Comments

रंगों का मोल

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** कुदरत का वरदान शुभे है, जिसको कहते रंग।अन्तर्मन को शोभित करती, लाती सदा उमंग॥ अट्ठारह इकसठ में जानें, मैक्सवेल की खोज।शुभ वर्णों की बारीकी, खोजा उसने…

0 Comments

शत-प्रतिशत मतदान करो

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** लोकतन्त्र के महापर्व में, आओ मिलकर सभी सहयोग करेंशत-प्रतिशत मतदान की पूर्ति हेतु,अपने मत का प्रयोग करें। सत्ता समर में कूदे दलों से, मत से निज…

0 Comments

मोल एक ‘मत’ का…

डॉ. बालकृष्ण महाजननागपुर ( महाराष्ट्र)*********************************** एक वोट का मोल,तुम क्या जानो!मक्खन बाबू।अगर काबू में,रहे तो लाभवर्ना,बेकाबू हो तो हानि।यानी,एक वोट से चुनावजीता या हारा भी,जा सकता है।इसलिए-एक वोट का मोल…

0 Comments

किताबें बोलती हैं

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* 'विश्व पुस्तक दिवस' विशेष.... किताबें बोलती हैं,कितने राज़ खोलती हैं। किताबें सुनती हैं,हमारी कहानियाँ कहती हैं। किताबें ज्ञान का समंदर है,उस भवसागर में गोता लगाने से…

0 Comments

राह दिखाती सदा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व पुस्तक दिवस' विशेष... 'पुस्तकें',दोस्त हमारीसिखाती है जिंदगी,जीते हमजंग। 'पुस्तकें',गुरु-ज्ञानअनगिनत नसीहत देतीलाती रौशनीसफलता। 'पुस्तकें',परिवार भीअकेलेपन की साथी,छोड़ती नहींहाथ। 'पुस्तकें',चिंतन करातीघर, समाज, देश,बोलते हमसच्चाई। 'पुस्तकें',झूठी नहींइंसान की तरह,सच…

0 Comments