पालनहार हूँ सदा तुम्हारी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* प्रकृति और खिलवाड़... ओ मानव जरा देखो चक्षु से,तड़पती हूँ वर्षों से मैं प्रकृतिसमझो मुझे अपने हृदय से,हूँ सदा समर्पित तुम्हारे लिए। मिटाती तुम्हारी प्यास…

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इस बात को ना भूलो भाई

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आज तुम बहुतनामी-गिरामी हो,हर महफिल में चर्चेहोते हैं तुम्हारे,तुम्हारी कामयाबी के किस्सेतुम सुनाते हो,जो बैठे होते हैं सामने। एक बात हर बारभूल जाते हो तुम,तुम्हारी कामयाबी मेंशामिल हैं…

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सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** सदा अथक संघर्ष ने, माँ भारत के त्राण।आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माण॥ भारत माँ का लाड़ला, महावीर सम पार्थ।मेधावी था अति प्रखर, दानवीर परमार्थ॥ मेरूदंड…

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सही राह हरदम बताएं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* मशक्कत से रोज़ी कमाना सिखायें।सही राह बच्चों को हरदम बतायें। चलो आज फिर से नया घर बनायें।नये जोश से अपना आँगन सजायें। तनिक मत…

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मधुमास आयो री…

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* मन-मयूर नाच रहयोसखी! मधुमास आयो रीले ले बलैंया,ऋतुराज मेरे द्वार आयो री। अंबुआ की डारी-डारी,कूके कोयलिया कारीफुदक-फुदक गोरैया,नाच रही मतवारी।धरती झूम रही, फागुनी बयार लायो री,ले ले…

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कुदरत से ना खेल

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** प्रकृति और खिलवाड़... आपस में इंसान का, रहे ना सबसे मेल,सजग हो जा रे मनवा, कुदरत से मत खेलकुदरत का जब कहर गिरे तो, बढ़ता खूब झमेल,जल…

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दम तोड़ती स्त्री

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह नज़र नहीं आती है,ग़म की चादर बड़ी विषैलीमृतप्राय: होती हैसुहाग वाली चुनरी नहीं है अब,ग़म की चादर बड़ी विषैली दिखती है अब,नर पिशाचों की भीड़ मेंजान सिसकती बेबस…

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होड़ बढ़ी, खिलवाड़ किया

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** प्रकृति और खिलवाड़... पावन प्रकृति के आँचल में जब, मानव ने खोली आँखें थी,कितना निश्छल रहा मानव होगा ? खिलती उसकी बांछें थी। वक्त गुजरा तो…

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धन्य-धन्य भारत मही

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** महिमामण्डन भारती, परमवीर बलिदान।धन्य-धन्य भारत मही, नूतन अनुसंधान॥ हिन्द देश पावन मही, संघर्षक प्रतिमान।विजयी नित पुरुषार्थ से, पाये यश सम्मान॥ वीरों से सज्जित मही, महाशक्ति…

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दर्द सहता है

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* दिल में जज्बात यही दर्द सभी सहता है।कुछ बयां हो न सके चुप ये तभी रहता है। आह भरता है मगर कुछ न कभी…

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