कर्म-फल

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** अपने-अपने ही कर्म फल,इक दिन तो सब चखते हैं। दूजों के हित जो गढ्ढा खोदे,खुद ही उसमें वह गिरता हैबीतेंगे यह कठिन दिवस भी,दिन तो सबका ही फिरता…

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नीम का सुकून

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** फूलों से लदे,हरे-भरे नीम की महकदे जाती है मन को सुकून,भले ही नीम कड़वा हो। पेड़ पर आई जवानी,चिलचिलाती धूप सेकभी ढलती नहीं,बल्कि खिल जाती हैलगता, जेसे…

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शिक्षा बांट रही

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** हर पग शिक्षा बांट रहीरामायण रिश्तों में झांक रही,वहीं महाभारत रणभूमि मेंकर्मों को रिश्तों में आँक रही। एक राम जहां थे धीर धरेएक रणछोड़ गीता बाँच रही,मर्यादा…

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सबर देखो नहीं आता नज़र

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** इधर देखो उधर देखो कि घर देखो शहर देखो,सबर देखो नहीं आता नज़र, चाहे जिधर देखो। बसर देखो सभी करते कभी जाना न हो जैसे,कभी देखो मगर…

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जिद पर आओ, तभी विजय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ज़िद पर आओ,तभी विजय है,दृढ़ संकल्प करो।इच्छा में होगी जब ताक़त,मंज़िल सहज वरो॥ साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही होगा,जो भी बाधाएँ राहों में,लड़ना ही होगा।काँटे ही…

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नैतिक पथ पर चलना सिखाएं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** आओ हम सब मिलकर,एक सभ्य समाज बनाएंविधा का दीपक जलाकर,घर-घर अलख जगाएं। विधा एक गहरा सागर है,मिलकर डुबकी खूब लगाएंदूर होते हैं सारे अवगुण,ज्ञान में कमी कभी…

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ये दुनिया है जनाब

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** ये दुनिया है जनाब,बैठा था यूँ हीसोचा लिखने के लिए,चलो कलम उठा लेते हैं। क्या लिखूँ मैं…?प्रश्न आया मन में,सोंचा, दुनिया में हूँ!चलो दुनियादारी सुना लेते हैं।…

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सफर बहुत कठिन, मगर..

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* ये सफर बहुत है कठिन मगर,तू जो बन जाए मेरा हमसफ़रजीवन के ये टेढे़-मेढ़े डगर,मुड़ जाते हैं सब एक नगर। ऊँची-नीचे पथरीली सतह पर,कभी नर्म घास…

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बाली में हुआ संग्रह ‘काव्य उड़ान-भारत से विश्व तक’ का विमोचन

बाली (इंडोनेशिया)। बाली में भारत के प्रधान कौंसल प्रकाश चन्द ने साझा काव्य संग्रह 'काव्य उड़ान-भारत से विश्व तक' का विमोचन किया। यह विभिन्न देशों में रह रहे १५ भारतीय…

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क़िस्मत के सभी तमाशे

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** चारों ओर है पानी ही पानी,फिर भी ना जाने क्यों प्यासे हैं। माया के हैं भरे भंडारे,खाली सबके कांसे हैं। कोई जीता है कोई हारा,क़िस्मत के सभी…

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