अकेला ही स्वर्ग बनाऊंगा

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** कब तक करता रहूंगा, उन सहारों की तलाश,साथ रहे जो हमेशा, ऐसा कायम करें विश्वास। उम्मीद लगाकर बैठे रहना, काम नहीं आएगा,इन्तजार करने में सारा, समय…

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हर चीज हासिल है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खबर रखता हवा की रुख उसे हर चीज हासिल है,चला पहचान दुनिया की चलन वो मान काबिल है। कशिश वो याद की उसकी समंदर खिंच आता है,कदम…

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धैर्य से सामना करना ही जीवन

तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************** अनेक परीक्षाओं से भरा है जीवन,कई उतार-चढ़ाव का संगम है जीवन। ना जाने कितने अनुभव, सीख की कक्षा है जीवन,कभी सफल, कभी असफलता का सफर है…

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कमी रह गई

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* रौशनी की कमी थी कमी रह गयी।एक शम्मा जली की जली रह गयी। था हसीनों का जमघट वहाँ इक बड़ा,इक हसीं पर नज़र पर…

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मानवता जीवन की शोभा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रेम-नेह को जब बाँटोगे, तब जीने का मान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ जाति-पाँति में क्या रक्खा है,ये बेमानी बातें हैं,मानव-मानव एक बराबर,ऊँच-नीच…

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तरस रहा हूँ

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** मैं अपनों को तरस रहा हूँ,बिन बादल बरस रहा हूँ। अंधेरे में गुज़ार दी जिंदगी,अब धीरे-धीरे समझ रहा हूँ। अपाहिज-सा हो गया हूँ,विरह अग्नि में दहक रहा…

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‘मैं’ ही दुश्मन

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह आज की सच्चाई है,जगत-समाज में गूँज हैमुश्किल वक्त में तन्हां,रहने में नहीं रहती सुध है। साथी का हाथ नहीं थामा,जब उन्हें जरूरत थीआज मुश्किल वक्त में,दिखती उसकी अहमियत…

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हर हाल में मुस्कराना

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** हर हाल में बन्दे मुस्कराना,ना कर शिकायत, गा शुक्राना। आधार है तेरे जीवन का,चंद साँसों का ताना-बाना। बन कर मेहमान तू आया है,संसार है एक मुसाफ़िरखाना। तेरा…

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अब इंसाफ होगा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** इंतजार बस इंतजार,राम का ही बस इंतजारबढ़ रहा है, बढ़ रहा है,हर ओर रावण अत्याचार। सह रहे हैं, सह रहे हैं,मुँह से कुछ ना…

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है धन्य हास-परिहास जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** हास्य सम्राट राजू श्रीवास्तव:श्रद्धांजलि.... हास्य गगन विहग उन्मुक्त उड़न,मुख अरुण किरण मुस्काया हैअवसाद ग्रस्त करता गुलशन,बस शाम ढले मुरझाया है। भरता उड़ान नभ हास्य…

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