एक सवाल…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** दौड़ता!तेज रफ़्तार से,आधुनिकता का घोड़ा,परम्पराओं को भूलकरपगडंडियों के सहारे।एक सवाल ?पहुंच पाएगा,अपनी मंजिल तक।या फिर,बीच राह में,अस्त हो जाएगा,सूरज युग का॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान)…

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हरीतिमा हर दिशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार -२८, १६-१२ पर यति, पदांत २२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम…

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सर्वज्ञ

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** अपने ही पूर्वजों को जानते नहीं हैं जो,खुद को समग्र इतिहास मान बैठे हैं।कविता, कहानी, लेख से न जिसे वास्ता है,खुद को वही ही अनुप्रास मान बैठे…

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सावन मनभावन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** मधुसावन मनमोहनी, प्रथम वृष्टि अभिराम।मधुवन झूला झूलते, भींगे राधा श्याम॥ लखि निकुंज चहुँ हरितिमा, हरियाली चहुँ खेत।बरसी सावन घन घटा, जलप्लावन अब रेत॥ सावन…

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खूनी है अब आचरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन है विपरीत अब, सब कुछ है प्रतिकूल।फूलों की बातें नहीं, चुभते हैं नित शूल॥ रोज़ विहँसता झूठ अब, हार गई मुस्कान।सच्चा अवसादों घिरा, मिथ्या…

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जाग गई नारी शक्ति

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* राष्ट्र सिंहासन में बैठी भारतीय नारी,बहना द्रौपदी जी, देश की दुलारी। लेकर हाथ तिरंगा नारी है इतराती,आया नारी का राज, सबको बताती। आन-बान-शान बढ़ाई द्रौपदी बहन,करूॅ॑गी…

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प्यार के दो हसीन पल

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* प्यार के दो हसीन पल,जिसे हो मुकम्मलवो क्यों न हो चपल,कल, आज और कल। मन भीग जाए मानो जल,सुरमई अँखियाँ हो उठी सजलनिस दिन आहें भरे…

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हम न हारेंगे

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** चाहे बरसात पड़े,या बादल फटेचाहे आँधी आएया तूफान आएहम न हारेंगे। हार को जीत,में बदल देंगेनफरत के बदले,प्रीत देंगेहम न हारेंगे। जीत और हार,खेल के…

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‘डर’ नकारात्मक विचार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** डर के हैं भिन्न-भिन्न नाम,कहीं भय, त्रास और खौफकहलाता है,अंदेशा और आशंका केनाम से भी यह जाना जाता है,बुरा घटित होने की सम्भावनाही 'डर' कहलाता है,यह सफ़र में विघ्न…

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मंज़र नहीं देखे जाते

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* बाढ़ में डूबे हुए घर नहीं देखे जाते।तर बतर आज के मंज़र नहीं देखे जाते। सख्त सरकार के तेवर नहीं देखे जाते।सर पे लटके…

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