लोकतंत्र का सम्मान करें

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** लोकतंत्र के ध्येय पर, करें सभी मतदान।मौलिक यह अधिकार है, यही हमारी शान॥ नेता सच्चा हम चुनें, कर मत उचित प्रयोग।जो बिक जाते लोभ में, स्वार्थ…

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राजनीति का खेल

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** राजनीति के खेल में, पिसते सदा गरीब।वोट माँगकर दीन का, जाते नहीं करीब॥ सत्ता पाना है हमें, एक यही बस लोभ।मरते नित्य गरीब पर, कभी न…

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नया इतिहास लिखो

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** राम-राज... हृदय ठान लो हे वैदेही!एक नया इतिहास लिखोजितना तुमने झेला मन में,वह अपना संत्रास लिखो॥ लिखो तनिक अपने पाॅंवों की,विषम वेदना का क्षण-क्षण!लिखो टूटकर झरते…

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सच्चाई की राह

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** बहुत काँटे मिलेंगे,सच्चाई की राह मेंबहुत लोग रोड़ा लगाएंगेसच्चाई की राह में। आसान नहीं है चलना,सच्चाई की राह मेंदोस्त दुश्मन बन जाएंगे,सच्चाई की राह में।…

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कार्तिक पूर्णिमा-प्रकाश पर्व

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** कार्तिक माह पूर्णिमा पर करें गंगा में स्नान,राधे-राधे कृष्ण जपें, करें विष्णु जी का ध्यानदीप प्रज्ज्वलित कर, माँ गंगे को कर दें दान,कागज की ही…

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बनो सहनशील

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अन्तर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस (१६ नवम्बर) विशेष... आक्रोश छोड़ोबनो 'सहनशील'यही है त्याग। सीखो सहनाजीतोगे हर जंगशांत रहना। शक्ति है मौन'सहिष्णुता' जरूरीसमझे कौन ? बुरी है हिंसान लड़ो आपस…

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पंछी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** पंछी खोजते दाना-पानी,सूरज के उदय की दिशा मेंसूर्य घड़ी प्रकाश बिना सूनी,जल से अर्ध्य स्वागत हेतुआतुर हो रही हथेलियाँ,सूरज के ऐसे ठाठ। नदियों के तट सुप्रभात के…

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बहन-भाई सुखद मिलन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विजय दीप दीवाली शुभदा, रामराज्य अभिषेक समझ लो,वैभव सुखद शान्ति सुयश सदा, भारत दीपक एक समझ लो। बाँटें खुशियाँ ज्योति जगत में, जले दीप…

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चिड़िया और गुड़िया

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* चीं-चीं करती आई चिड़िया,'कहाँ छिपी हो तुम गुड़िया !' 'अभी तक तो सोई है गुड़िया',बोली उसकी दीदी मुनिया। चीं-चीं बोली 'जागो गुड़िया,हाथ-मुँह धो खा…

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दीप अकेला जलता रहा

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* दीप अकेला जलता रहा, सबको रोशन करता रहाखुद की कोई परवाह नहीं, रोशनी सबको देता रहा।कोई न समझा त्याग दीप का, जीवन उसका दर्द भरासबको उजागर…

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