समझा दे मुझे

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कुछ समझ आता नहीं तू लिख के समझा दे मुझे।इश्क़ के दस्तूर क्या हैं यार 'बतला दे मुझे। राहे ह़क़ से कोई आख़िर 'कैसे भटका दे…

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जनता लाचार नहीं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ पापियों को क्या धिक्कार नहीं।उनका जीना क्यों दुश्वार नहीं। सज्जन लोग क्यों चुप रह जाते हैं,सच बोलने का उनको अधिकार नहीं। जो देश खा रहे भीतर ही भीतर,क्या…

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अभी जागे नहीं तो…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष.... धरा पर पेड़ पौधों का सजा जो आवरण है।मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है। न डालो मैल नदियों में न काटो…

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इंतज़ार

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ कोई नहीं आने वाला।न दिल बहलाने वाला। चेहरों पर मुखौटे लगे हैं,सच नहीं दिखलाने वाला। रक़ीब है घर में छुपा हुआ,कौन है पहचानने वाला। अपनों की भीड़ में…

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…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे…

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रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बागों के माली रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं।कलियों पर काँटों के ताले,अब से नहीं जमाने से हैं। मिली कहाँ पूरी आजादी,खंडित हिंदुस्तान मिला है,सरहद पर…

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मंज़र नहीं देखा गया

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आ गया वो रूह में मंज़र नहीं देखा गया।पूजते पत्थर रहे अंदर नहीं देखा गया। आत्म मंथन के सफ़र में देह से ऊपर उठा,पार गरदन के…

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किरदार बोलता है

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ थी नफ़रत या प्यार बोलता है।सच क्या है क़िरदार बोलता है। सच्चा हूँ या झूठा कौन बोलता है।ग़ज़ल में सब अशआर बोलता है। हम कैसे रहते हैं समाज…

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तुम्हीं किताबे वफ़ा हो

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) **************************** न कोई शिकवा किया करेंगे न रंज दिल का कहा करेंगे।तुम्हारे ग़म के ह़सीं 'चमन में उदास तन्हा जला करेंगे। तुम्हीं को हँस कर पढ़ा करेंगे…

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किरदार बौना हो गया

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आदमी का आजकल किरदार बौना हो गया है।जिंदगी का फलसफा अब तो 'करोना' हो गया है। ढो रहा है आदमी कांधे सगों की लाश यारों,मरघटों तक…

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