सुखदाता गणेश

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** गणेश चतुर्थी विशेष... गौरी माँ के प्रिय लाल,पिता शिव महाकालकार्तिकेय ज्येष्ठ भ्राता,रिद्धि, सिद्धि लाते हैं। प्रथमेश श्री गणेश,काटते सकल क्लेशगजानन, लम्बोदर,लड्डू भोग खाते हैं।…

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संकल्पों को सीखो जीना

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* संकल्पों को सीखो जीना, तब ही जीवन सफल बनेगा।उपवन में अब फूल खिलेंगे, हरियाली से बाग सजेगा॥ मुरली कान्हा मधुर बजाते, मूरत उनकी हृदय बसाओ।कठिन…

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वतन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६-१६ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२ २ २ २, ३, ३ वतन…

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सावन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सावनमन भावनझूम-झूम बरसेताल-तडागभरे। नदियाँउफान परकल-कल करतीतीव्र वेगबहती। प्यासीभूमि भीजल से तृप्तहरी चादरओढ़े। खेतखाली थेअब तक जोकिसान भीचला। झरनेकल-कलकरते गिरते हैंमन करतेआनंदित। मेंढकटर्राते हैंझींगुर शोर मचातेकराते अहसाससंगीत।…

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सरिता बहे हित में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…

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चमक

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…

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नीर की महिमा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…

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भ्रूण नाश न करें

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** मुझको पापा देखना, सारा ये संसार।नारी का हूँ अंश मैं, नहीं मुझे अब मार॥नहीं मुझे अब-मार कोख में, बैठी माँ के।हृदय भाव से, मुझे तार दे, तू…

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ईर्ष्या कभी न धारें

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** ईष्या का निज भाव, कभी न मन में धारें।विमुख करे पथ नित्य, काज होवे न विचारें॥यह करता अलगाव, अहं मन भीतर आता।निर्मल मन व्यवहार, देह से हटता…

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रिमझिम बदरा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* रिमझिम बदरा बरस रहे हैं, सावन आया अब आओ।आकुल है मन तुमसे मिलने, मधुर सलिल रस बरसाओ॥ छमछम करती बूँदें बरसे, नृत्य धरा पर दिखलाएं।गर्जन करते मेघ…

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