संचित कर लें भूजल

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** भूजल घटता जा रहा, लोग न देते ध्यान।खर्च करें है जल अधिक,रखते नहिं यह ज्ञान॥रखते नहिं यह- ज्ञान नीर है, हमें बचाना।रखें बचाकर, छोड़े जल को, व्यर्थ…

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ये है कलयुग

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** कलयुग का मानुष बुरा, देख खड़ा है मौन।लुटती बाला रो रही, न्याय दिलाए कौन॥न्याय दिलाए-कौन लाज है, खोती नारी।दुष्ट सोच से, नहीं रही अब, वो अवतारी॥आशा कहती,…

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अहं तोड़ता बंधन सारे

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** अहंकार का त्याग करें हम, यह देवे अभिमान है।सभ्य मनुज का साथ छुड़ावे, नित्य घटाती शान है॥ दंभ भरें निर्जीव वस्तु का, करें व्यर्थ जो कामना।जान मनुज…

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गणतंत्र देता सभी अधिकार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... रचना शिल्प:मापनी २२१ २२२ २२१ २२२ १२ तगण मगण तगण मगण लघु गुरु (लगा) झंडा रहे ऊँचा, आकाश में…

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सूर्यदेव-वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मकर संक्रांति विशेष... दिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर, देव आपको, नमन करूँ।धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम, करुणाकर हे!, तुम्हें वरूँ॥नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो, पीर हरो।दर्द लड़ रहा,पाप अड़ रहा,नेह…

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करें पुण्य काज

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मकर संक्रांति विशेष.... बेला है सुहानी आजकरें सभी पुण्य काज।मकर संक्रांति पर्वखुशी से मनाइए॥ रवि हैं उत्तरायणभजो सभी नारायण।रेवड़ी गजक खाएंशीत से बचाइए॥ प्रेमयुक्त डोर हाथपतंग…

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हृदय जगत की शान हिंदी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिन्दी की बिन्दी... भारत सुंदर देश, मातृभाषा है हिंदी।मस्तक शोभित श्रेष्ठ, लगे हो जैसे बिंदी॥भारत माता मान, यही है शान हमारी।मृदुवाणी शुभ बोल, सभी को लगती…

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पूजे गणतंत्र सर्व

पायल अग्रवालमुजफ्फरपुर (बिहार)******************************* भारत का संविधान, करते हम आज मान, बनता है देश शान, न्याय सभी पाते।लाल किले साज बोल, सबके दु:ख गांठ, खोल, भारतीय मान मोल, राष्ट्रगान गाते॥ देख…

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है जहर बाल विवाह

पायल अग्रवालमुजफ्फरपुर (बिहार)******************************* है जहर बाल विवाह,कैसे हो अब निबाह,भरते सब दर्द आह,सत्य कथन जानो।सुन बेटी की पुकार,करती तुमसे गुहार,गलती करना सुधार,बात सभी मानो॥ बढ़ता है भूमि ताप,क्यों करते आज…

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नव शुरुआत करें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नया उजाला-नए सपने... रचनाशिल्प:मापनी-१२२ २२२ २२२ २२१ १२ यगण मगण, मगण तगण लघु गुरु (लगा) पुरानी यादों में,गाएंगे संगीत नया।तराना छेड़ेंगे,आया है ये वर्ष नया॥ खिलें…

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