हर दिन माँ के नाम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नहीं एक दिन मात्र बस, हर दिन माँ के नाम।माँ से ही जीवन मिला, माँ से सब अभिराम॥ माँ रोटी,माँ दूध है, माँ लोरी, माँ गोद।माँ…

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बचपन की यादें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* बचपन की यादें सुखद, दें मीठे अहसास।बचपन के दिन थे भले,थे बेहद ही ख़ास॥ दोस्त-यार सब थे भले, जिनकी अब तक याद।कुछ ऊँचे अफ़सर बने, वे…

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प्रखर कबीर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सद्गुरु प्रखर कबीर थे, दे जग को आलोक।परे किया अज्ञान का, फैला था जो शोक॥ ऊँच-नीच के भेद को, किया सभी से दूर।हे! कबीर गुरुदेव तुम,…

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प्रीति की रीति

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन दिखता है वहाँ, जहाँ प्रीति की रीति।अंतर्मन में चेतना, पले नेह की नीति॥ नित्य प्रीति की रीति से, जीवन बने महान।ढाई आखर यदि रहें, दूर…

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कड़कती धूप

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** आज कड़कती धूप में, वृक्ष एक है मित्र।जनहित गुण परिपूर्ण है, खीचूँ उसका चित्र॥ वाहन पर मैं जा रहीं, मिलें राह पर छाँव।देह जलाती धूप है, कहीं…

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पानी..जीवन आधार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नदियाँ सागर रीतते, रीते ताल तड़ाग।ताप धरा का बढ़ रहा, सूख रहे वन बाग॥ पानी बिन सब सून है, ये जीवन आधार।तड़प रहे हैं जीव सब,…

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ढूंढ रहे सब छाँव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सूरज आतिश बन गया, तपे नगर औ' गाँव।जीव सभी अकुला उठे, ढूंढ रहे सब छाँव॥ सूरज का आक्रोश है, बिलख रहे तालाब।कुंओं,नदी ने भी ‘शरद’, खो…

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तृप्त करो शिव नाथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... स्वर्ग हिमालय की धरा, जहाँ शम्भु का धाम।पावन इस कैलाश को, नमन करूँ अविराम॥ हे गंगाधर प्राण पति, जोड़ूँ दोनों हाथ।गंगा की जलधार…

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दो हजार…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दो हजार फिर बंद है, मचा देश भूचाल।दहशत में चोरी जगत, नेता फिर बेहाल॥ दो हजार का नोट भी, हुआ आज से बंद।लूट घूस…

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सम्हालो शंभू शिव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... चरण वंदना मैं करूँ, नित्य शिवालय धाम।दर्शन की आशा जगी, हे शिव पूरण काम॥ स्वीकारो विनती हरा, तुम हो कृपा निधान।भक्ति-भाव जानूँ नहीं,हूँ…

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