हिन्दी जीवन की कला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी जीवन की कला, हिन्दी जीवन प्रीति।हिन्दी हिन्दुस्तान की, जीवन रस संगीत॥ संस्कार से पूरिता, सदाचार आलोक।हिन्दी भाषा मधुरिमा, श्रवण हरे मन शोक॥ बोधगम्य…

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मिले मनुज खुशियाँ कहाँ!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मिले मनुज खुशियाँ कहाँ, बिन पौरुष संसार।मिले सफलता श्रम बिना, खुशियाँ कहँ संसार॥ बंदी चारण भाट सम, जीवन बंटाधार।शासन सत्ता संविदा, दिखते भ्रष्टाचार॥ दावों…

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कैसा यह अभिशाप?

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कटते जाते पेड़ नित, बढ़ता जाता ताप।ज़हरीली सारी हवा, कैसा यह अभिशाप॥ द्रव ईंधन की है खपत, बिजली जलती ख़ूब।हरियाली नित रो रही, सूख गई सब…

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जिसका जैसा आचरण

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जिसका जैसा आचरण, वैसा हो व्यवहार।पहने सद्गुण आवरण, रहते छिपे सियार॥ सत्य चला जो आमरण, एक असत दुस्वार।ऐसा कोई अवतरण, कहाँ हुआ अवतार॥ होता जब तक जागरण,…

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हिन्दी हम हिन्द ए वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी हम हिन्द ए वतन, भारत हिन्दुस्तान।राष्ट्र एकता सरसता, प्रेम शान्ति दे मान॥ समरसता सद्भावना, हिन्दी है आधार।जनमानस को जोड़ती, बोधगम्य संसार॥ बेटी प्राकृत…

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सत्य-शान्ति से धर्म-नीति

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सद्विचार समरस सुखी, मानवता में प्रीति।सत्य शान्ति के दीप से, चले धर्म और नीति॥ हो जीवन सुखसार जग, उन्नति हो जन आम।शिक्षा हो सब…

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शिल्पकार तुम-सा नहीं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भगवान् विश्वकर्मा जयन्ती विशेष... शुक्ल कन्या तृतीया, ब्रह्मा सप्तक पूत।जन्म दिवस शुभकामना, आराधन विधि सूत॥ अभियन्ता जग में प्रथम, प्रथम सृष्टि निर्माण।रचे देव-देवी महल,…

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स्वामी विवेकानंद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रखर रूप मन भा रहा, दिव्य और अभिराम।स्वामी जी तुम थे सदा, लिए विविध आयाम॥ स्वामी जी तुम चेतना, थे विवेक-अवतार।अंधकार का तुम सदा, करते थे…

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क्षमा मनुज भूषण

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्षमा मनुज भूषण जगत, है प्रतीक आचार।त्याग शील गुण कर्म पथ, धवल कीर्ति आधार॥ क्षमाशील पौरुष सबल, जीवन में नित जीत।शरणागतवत्सल वही, क्षमावीर जगमीत॥…

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करो हिंदी का सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हिंदी संग हम... हिंदी में तो शान है, हिंदी में है आन।हिंदी का गायन करो, हिंदी का सम्मान॥ हिंदी की फैले चमक, यही आज हो ताव,हिंदी…

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