भारत में गरीबी-अमीरी की खाई
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि, भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, लेकिन दुनिया…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि, भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, लेकिन दुनिया…
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* प्रकृति से खिलवाड़... सुरंग विकास परियोजना से कई वर्ष पहले अधिकतर लोग पहाड़ों पर पर्यटकों को आकर्षित करने व रोजी-रोटी के लिए बस गए। इन लोगों…
डॉ. गिरीश्वर मिश्र,गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************* भारत की भाषिक विविधता का अद्भुत विस्तार और उसका सहज स्वीकार प्राचीन काल से इस देश में सामाजिक बर्ताव का अहम हिस्सा रहा है। इस विविधता को…
ललित गर्गदिल्ली************************************** बच्चों के प्रति समाज को जितना संवेदनशील होना चाहिए, उतना नहीं हो पाया है। कैसा विरोधाभास है कि, समाज, सरकार और राजनीतिज्ञ बच्चों को देश का भविष्य मानते…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शराब से केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व-आय होने से शराब पर पाबन्दी नहीं लगा सकती है। इसके कई फायदे सरकार को हैं-राजस्व, अस्पताल, चिकित्सक, दवाई झगड़ा, हत्याएं,…
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* हिन्दी की बिन्दी... हमारे राष्ट्र व जन-संवेदना का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र भाषा है हिंदी। देश के २९ राज्यों व ८ केंद्रशासित जनसमुदाय की भाषा और…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे दे, तो क्या उसके लिए उसकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया…
प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** हिन्दी की बिन्दी... मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, वह समाज में रहकर ही जीवन यापन करता है, समाज में रहकर अपने कार्य को करता है। जीवन-यापन…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हिंदी की बिंदी... हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग १९२० से चल रही है, जिसकी शुरुआत महात्मा गाँधी द्वारा की गई थी, जो सौ वर्ष बाद भी झूला…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)***************************************************************** अमरावती में जन्मे गुणाकर मुले ने ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ लिखी। उसमें उन्होंने लिखा कि, जिस लिपि में यह पुस्तक छपी है, उसे नागरी या देवनागरी…