नारी, तेरी क्या कहानी!

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ओ नारी, तेरे जीवन की भी, क्या अजीबो-गरीब कहानी है ?दमन में बीता बचपन है तेरा, और जुर्म में बीती जवानी है। किशोर हुई मासिक धर्म…

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गुरु वंदन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** गुरु हमारे श्रेष्ठ जग में, भाव वंदन कीजिए।ज्ञान अविरल है बहाते, चरण मस्तक लीजिए।दे रहे शिक्षा हमें नित, अपने सुंदर ध्येय से।भाग्य सबका ये गढ़े है,…

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प्यार तेरा नहीं मिला

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ तेरे लिए जीए हम,प्यार तेरा नहीं मिला बहुत सहा लोगों के,हर एक सितम कोप्यार तेरा नहीं मिला...। दुआ हमने मांगी थी,कि तेरा साथ मिलेगा पर वक्त ने…

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राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राम ही प्राणमर्यादा का पर्यायराम ही धाम। सत्य सूरतराम का जीवनकर्म मूरत। राम ही राहबनें जीवन-राजासबकी चाह। पुरूषोत्तमवचन है निभायाराम उत्तम। दुःख तमाममिला वनवास भीसंतोषी राम। है…

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कृपा आप कीजिए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** शीश चन्द्र हैं सजाए,सर्प कंठ लटकाएआशुतोष कृपावंत,कृपा आप कीजिए। अंग भभूति लगाए,गंग जटा में समाएभोलेनाथ त्रिपुरारी,आप सुधि लीजिए। हाथ में त्रिशूल साजे,बाँए अंग गौरा राजेशिव शंभू भोलेनाथ,मुझको…

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छलक आए आँसू

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* क्यों छलक आए हैं मेरी आँखों से ये आँसू ?रोकना चाहती हूँ, फिर भी आ ही जाते हैं ये आँसू। कोई क्यों नहीं पहचानता मेरे जज्बातों…

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नसीब मेरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: १२१२-२१२-१२२-१२१२-२१२-१२२... मिले कभी तो मुझे मुहब्बत, सजा सके जो नसीब मेरा।जिसे जरूरत मुहब्बतों की, बना रहे वो हबीब मेरा। मिटे न मुश्किल मिले न…

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अन्तर्मन की पुकार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* लोकतंत्र का पर्व है, अवसर जन अधिकार।अन्तर्मन जनमत समझ, भारत करे पुकार॥ पुकार रही माँ भारती, तरुण वीर सन्तान।शंखनाद अरिघात कर, उठो करो मतदान॥…

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मर्म के आँसू… छलक आते हैं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अपनों को देखकर,आँखों से जो छलक आते हैंवो मर्म के आँसू होते हैं,रोके रुकते नहीं हैंबस बहते चले जाते हैं,हृदय का स्पंदन होते हैं। मन के भावों…

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कहते एक बार तुम प्रियवर

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मैं निज सर्वस्व दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर।तन-मन का हर कण दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर॥ काँटों को में दूर हटाकर,…

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