स्कंदमाता-हर लेना सब पीर
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पंचम दिन स्कंद माँ, विनती करता आज।करो अनग्रह मातु तुम, पूरण हों सब काज॥ कमल समर्पित मातु है, केसर वाली खीर।केले का भी भोग है, हर…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पंचम दिन स्कंद माँ, विनती करता आज।करो अनग्रह मातु तुम, पूरण हों सब काज॥ कमल समर्पित मातु है, केसर वाली खीर।केले का भी भोग है, हर…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अक्सर देखा करती थी,क्या वह सपना मेरा सच होगा ?आखिर वह पल कब आएगा, प्रेममयी यह जग होगा। स्नेह की एक डोरी से बँधकर,आगे बढ़ते…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नमन स्कंदमाता चरण, कार्तिक देव स्कन्द।गिरिजा नंदन हिय भजूॅं, खिले भक्ति मकरन्द॥ दुर्गा शक्ति पंचमी, महाशक्ति विकराल।महाप्रलय राक्षस दलन, स्कन्दमातु रण काल॥ पार्वती वृषवाहिनी,…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ प्रभु राम का अवतरण,हमारी आस्था व विश्वास का पक्षधर हैवह राम ही तो है जो कण- कण में है,वह राम ही तो है जो हमारे…
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** सच्चा मानुष है वही, सबको समझे एक।देश के उत्थान में, कर्म करे वह नेक॥कर्म करे वह, नेक देशहित, फर्ज निभाए।दीन-दुखी के, कष्ट हरे नित, समता लाए॥'आशा'…
डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** मनाली जाकर हनीमून मनाने के बाद घर आकर रेनू बहुत खुश थी, पर अभी मेहंदी के रंग के कुछ महीने ही हुए थे कि, एक तरफ सासू…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** सच्चे धन हैं सात हमारे,रखना इसका ध्यानकीमत इसकी समझ लीतो सदा बढ़े सम्मान। पहला मंत्र है दर्पण जैसा,'मन' अपना हो साफनहीं किसी की करो बुराईगलती कर दो…
रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** कभी अकस्मात्,निष्प्राण हो जाएगीमेरी देह!एक दीर्घ नि:श्वास लेकर,स्थान बदल लेंगे सपनेबस दिखावा करतेमिलेंगे,कुछ विषैले 'अपने!' उन तथाकथित अपनों के संग,न करना मुझे निर्वस्त्रन छूने देना उन्हें,मेरा…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* प्रकृति का सौंदर्य कितना पावन,कितना मनभावनचहुं दिशा में ऊंचे-ऊंचे पर्वत, घनघोर घटाएं उसके ऊपर। हरित वर्ण छाया पर्वत पर, घटाएं आई उमड़-घुमड़ करजब चली पवन मतवाली,…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ला चैत्री प्रतिपदा, सनातनी त्यौहार।नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नूतन हिन्दू वर्ष।पावन नित नवरात्रि में, मानवता उत्कर्ष॥ पूजनार्थ नवरात्र…