हूँ मौन

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** है तो बहुतदर्द सुनाएँ किसे ?पर हूँ मौन। बिखरा घरयूँ गुजरी जिन्दगीलगी नजर।  बिखरे रिश्ते  सब थे मुरझाएजा मिलें कब ? आसमां थे वोकब हाथ छुड़ाया मेरे नहीं जो।…

0 Comments

ख्वाइश

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** भरता नहींख्वाइशों का झोलालें कितना भी। अमर बनेअपने कर्तव्यों सेमेहनती जो। कर्मठ लोगहोते जिद के पक्केपाते हैं लक्ष्य। आँखों में नहींहोती है नींद कभीमतवालों की।…

0 Comments

सुगंधित

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** मासूमियतबड़ों में अब कहाँ ?बच्चों में देखो। बदलता हैदौर खामोशियों मेंदेखना जरा। पलकें बिछीउम्मीदों के दामनफैलाए हुए। सागर सिंधुसमुद्र जलधि हैएक ही नाम। अथाह जललगे…

0 Comments

कैसे ये सुलझाऊँ ?

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कई सवालकैसे ये सुलझाऊँरोज बवाल। ये टूटे रिश्तेकितना भी संभालूंछूटते रिश्ते। वक्त के ज़ख्मआखिर कब तक ?निभाएं हम। रूप ही भलामन कौन देखता ?सबक मिला। कैसे ठहरें…

0 Comments

थे ज्ञानी-ध्यानी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** अमिट छापआम्बेडकर बाबाथे ज्ञानी-ध्यानी। खारा नमकघर की वृद्धाएंहै गुणवान। लड़ना सीखोजीवन संघर्षों सेमृत्यु अटल॥ परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि…

0 Comments

बचपन रखना

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ये बचपनमासूमियत वालाहमेशा रहे। खुशियों वालाआया 'बाल दिवस'मनाएँ इसे। कोमल मनरखना बचाए इसेहै ये पावन। ये भाग-दौड़है चिंता भविष्य कीछूटते मोड़। लगाओ पंखभावी समाज बच्चेनभ में उड़ो।…

0 Comments

कर्म नीति हो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कर्म नीति होदेश-भक्ति न छोड़ेंधर्म प्रीति हो। वीर धरतीकरे भला सबकापेट भरती। घृणा छोड़ दोरिश्ते-नाते देखनास्नेह जोड़ लो। लालच त्यागेंअपना मानवता-अब तो जागें। भूल वासना,मोह-साधना जोड़-करो प्रार्थना।…

0 Comments

कर्तव्य

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** हुई सुबहआया नव विहानकरो स्वागत। मन का मैलबनाता घृणा पात्रमिटाओ इसे। सदा कटुताहोती नहीं उचितसमझो शब्द। चुप्पी कहतीअनकही बातों केलाखों शब्द। इशारा काफीसमझने के लिएमन…

0 Comments

मधुर वाणी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** मन दर्पणनिश्छल-सा पावनसमझो इसे। मधुर वाणीमधुर हो संबंधमानव बीच। हरियाली भूहरियाली हो मनआनंदमय। धीरे-धीरे सेप्रयास करो तुमहोंगे सफल। विश्वास रखोऔरों से ज्यादा तुमखुद पे सदा।…

0 Comments

यही है सच

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा विचारतो संकट अपारयही है सच। पड़ा वास्ता तोऔकात दिख गईयही है सच। कोई न सगादेता मौके पे दगायही है सच। मौन उसकाखा गया रिश्ते सारेयही है…

0 Comments