नारी, तेरी क्या कहानी!

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ओ नारी, तेरे जीवन की भी, क्या अजीबो-गरीब कहानी है ?दमन में बीता बचपन है तेरा, और जुर्म में बीती जवानी है। किशोर हुई मासिक धर्म…

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प्यार तेरा नहीं मिला

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ तेरे लिए जीए हम,प्यार तेरा नहीं मिला बहुत सहा लोगों के,हर एक सितम कोप्यार तेरा नहीं मिला...। दुआ हमने मांगी थी,कि तेरा साथ मिलेगा पर वक्त ने…

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कृपा आप कीजिए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** शीश चन्द्र हैं सजाए,सर्प कंठ लटकाएआशुतोष कृपावंत,कृपा आप कीजिए। अंग भभूति लगाए,गंग जटा में समाएभोलेनाथ त्रिपुरारी,आप सुधि लीजिए। हाथ में त्रिशूल साजे,बाँए अंग गौरा राजेशिव शंभू भोलेनाथ,मुझको…

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छलक आए आँसू

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* क्यों छलक आए हैं मेरी आँखों से ये आँसू ?रोकना चाहती हूँ, फिर भी आ ही जाते हैं ये आँसू। कोई क्यों नहीं पहचानता मेरे जज्बातों…

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मर्म के आँसू… छलक आते हैं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अपनों को देखकर,आँखों से जो छलक आते हैंवो मर्म के आँसू होते हैं,रोके रुकते नहीं हैंबस बहते चले जाते हैं,हृदय का स्पंदन होते हैं। मन के भावों…

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कहते एक बार तुम प्रियवर

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मैं निज सर्वस्व दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर।तन-मन का हर कण दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर॥ काँटों को में दूर हटाकर,…

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खो जाना भी बेहतर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** खो जाना भी कभी-कभी बेहतर होता है,कम से कम पता तो लगे कि, कौन-कौन रोता है ? जिनके लिए ज़माने में फरिश्ता था मैं,गुम हुआ तो समझा,…

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जब शाम होती है

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** दिमाग को कमाई फिकर रहती है,वापस घर आते-आते शाम होती है। दिनभर इसका अहसास नहीं होता,मन पेट के चक्कर में खो जाता है। समस्या नयी रोज सामने खड़ी…

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दोस्तों के बीच मुस्कुराता रहा

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** तेरे दोस्तों के बीच तू खुशियाँ लुटाता रहा,परिवार की खुशियों को तू झुँझलाता रहाअब देख जरा तेरे दोस्तों की वो शान, ऐश्वर्य,तू स्वयं ही मूर्ख बनकर…

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हर नारी को निहाल करो

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* संपूर्ण खुशियाँ नारी को, क्यों नहीं मिल पाती है माताकारण तो बता दो माता, क्योंकि आप हैं भाग्यविधाता। क्यों नारी को अधूरी जिंदगी, मिलती है भरे…

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