न घबराएँ तो सोएँ

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** विश्व नींद दिवस (१५ मार्च) विशेष.... हम अपनी हक़ीक़त से न घबराएँ तो सोएँ।आँखों में कोई ख़्वाब सजा पाएँ तो सोएँ। मायूसियों ने हमको…

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इकराम नहीं होता

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दिल में जो मेरे सच्चा इक़दाम नहीं होता।मंज़िल न मिली होती इक़राम नहीं होता। जो अज़्म के हामिल हैं कब ठहरे क़दम उनके,जब तक…

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अगर करार मिले

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* बहार दिल में सजेगी अगर करार मिले।करार कैसे रहे, जब कहीं न प्यार मिले। हरेक दिल ही करे प्यार की सदा हसरत,मगर दिलों में सदा…

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परवाज़ करके देखते हैं

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** हम इक परवाज़ करके देखते हैं।जुनूँ शहबाज़ करके देखते हैं। भले अंजाम की है जुस्तजू तो,चलो आग़ाज़ करके देखते हैं बुराई है ज़माने में…

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कहानी और है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दर्ज काग़ज़ पर कहानी और है।अस्ल में ये ज़िंदगानी और है। पहले मेरे दिल में रहती थी मगर,अब ख़ुशी की राजधानी और है। और…

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निखर जाते हैं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* दर्द से लोग जो गुजरे, वो निखर जाते हैं।वक्त के दर्द जो सहते, वो शिखर पाते हैं। वक्त हालात को बदले, तो भला क्या शिकवा,टूटते…

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काम आते जाइए

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दूसरों के काम आते जाइए।ज़िंदगी आसाँ बनाते जाइए। बादलों से है ज़मीं की इल्तिमास,प्यास खेतों की बुझाते जाइए। ताकि दिल पर कम रहे एहसान…

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मुहब्बतों में खुदाई

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मुहब्बतों में खुदाई गवाह होती है।हरेक दिल पे ख़ुदा की निगाह होती है। इबादतों सी मुहब्बत जहाॅं हुआ करती।इनायतें भी अदा बे-पनाह होतीं हैं। खुदी…

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सबको शिकायत है आजकल

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** मतलब परस्त सारी रफ़ाक़त है आजकल।इक-दूजे से ये सबको शिकायत है आजकल। देखा जो माल-ओ-ज़र तो तअल्लुक बढ़ा लिए,कुछ रिश्तों की यही तो हक़ीक़त…

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दिसंबर गुज़र गया

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** फिर साल-ए-नौ तुम्हारा दिसंबर गुज़र गया।फिर वक़्त ने पुकारा दिसंबर गुज़र गया। फिर ख़्वाब जनवरी के अधूरे ही रह गए,फिर लौटकर ख़ुदारा दिसंबर गुज़र…

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