स्त्री…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** स्त्री दिल दुखाती नहीं,ज़ुल्मत फैलाती नहींवह है सुबह, वही शमाँ,रौशनी छिपाती नहीं। दिखाती है भूल गयी,भूल कभी पाती नहींजीती है वो प्यार में,जरा भी जताती नहींपी जाती…