इतिहास रचा है ‘वीणा’ ने
इंदौर (मप्र)। सर्जना में संभावनाएं शेष रहनी ही चाहिए। १९२७ से निरंतर प्रकाशित ‘वीणा’ शताब्दी की ओर अग्रसर है। ‘वीणा’ ने इतिहास रचा है। इन वर्षों में डॉ. शांतिप्रिय द्विवेदी,…
इंदौर (मप्र)। सर्जना में संभावनाएं शेष रहनी ही चाहिए। १९२७ से निरंतर प्रकाशित ‘वीणा’ शताब्दी की ओर अग्रसर है। ‘वीणा’ ने इतिहास रचा है। इन वर्षों में डॉ. शांतिप्रिय द्विवेदी,…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पितरों का आशीर्वाद,करें हम उन्हें याद।दान भोग तर्पण से,उन्हें मनाइए॥ पितृ श्राद्ध पिंड दान,धर्मशास्त्र का विधान।श्रद्धा भाव मन में हो,पुण्य कमाइए॥ पितृ धरा पर आए,घर-घर मान…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* श्रीकृष्ण कहते हैं हर मनुष्य, का 'मन है उड़न खटोला'सफ़र का स्थल है जगत में,जहाँ पाप-पुण्य का लगता मेला। साधु हो या गृहस्थ, ले जाता,है 'मन…
ललित गर्गदिल्ली************************************** आजादी के अमृतकाल के पहले लोकसभा एवं ५ राज्यों के विधानसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ सुनाई देे रही है, राज्यों में चुनावी सरगर्मियाँ उग्र हो चुकी है।…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** आओ समझें कौन है पिता ?क्या और कैसे होते हैं पिता ?पिता ही हैं हमारे घर के ताज,इनसे ही सुरक्षित हैं हम आज। पिता है…
रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** पितृपक्ष शुरू हो गए थे। विजय ने भारी मन से अपने स्वर्गीय माता-पिता को जल अर्पित किया। मात्र ४० वर्ष की आयु में उसे यह कार्य…
डॉ.आशा आजाद 'कृति'कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** आज करें अनुबंध शुभ, मानवता के साथ।दीन-दुखी के पीर पर, सदा बढ़ाएं हाथ॥ मनुज हृदय में प्रेम रख, काज करें नव एक।दुखी प्रफुल्लित जब दिखें, हुआ…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** चलो मुस्काएंजग में गम बड़ाउसे मिटाएं। पीड़ा हर लेंक्या होगा यूँ फिक्र से?थोड़ा तो जी लें। मुस्कान बड़ीगम बाँटा तो आईसुख की घड़ी। हँसी है फूलईश्वरीय सौगात…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अंतर्मन स्वाधीनता, सत्य अहिंसा मंत्र।शास्त्री-गांधी शिष्य-गुरु, हिला ब्रिटिश खल तंत्र॥ तन मन धन अर्पण वतन, सत्याग्रह पथ क्रांति।आज़ादी अरमान बस, सुख वैभव बल शान्ति॥…
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* कदम-कदम कितने अवरोधें,हँसे कभी हम यूँ ही रो देंपग-पग मुश्किल पेंग बढ़ाएं,कभी चैन से जीने ना दें। कितना मुश्किल है जीवन में,राह रोकती किसकी आहेंकोई साथी…