कभी खत्म नहीं होगी साहित्य अध्ययन की परम्परा

पटना (बिहार)। साहित्य की परंपरा कभी खत्म नहीं होगी, क्योंकि यह मनुष्य की प्रवृत्ति से जुड़ा है। इतना जरूर है कि, इन दोनों में पढ़ने की अपेक्षा देखने और सुनने…

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मातृ शक्ति को समर्पित रही मासिक काव्य गोष्ठी

हैदराबाद (तेलंगाना)। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था (हैदराबाद) द्वारा ४४वीं मासिक गोष्ठी ऑनलाइन आयोजित की गई।संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी सहभागियों का हार्दिक अभिनन्दन किया। नवरात्रि के शुभ अवसर पर…

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डॉ. भाभा का करें गुणगान

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** कई अणुओं के सृजन से परम अणु का मान,होमी जहांगीर भाभा की परिकल्पना ने की परमाणु पहचानभाभा के अनुसंधान से बढ़ा नाभिकीय विज्ञान,भारत महाशक्ति बना,…

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वक्त और घड़ी

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* वक्त और घड़ी दोनों में,चोली-दामन का साथ,एक के बिना एक अधूरी,वक्त चलता रहता साथ। वक्त दो तरह का होता है,बुरा वक्त और खराब वक्तजिसे…

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मैं चली आई

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* बंजारे, तुमने मुझे पुकारा और मैं चली आईआते-आते रास्ते में हुई हमारी, जग-हँसाई। पूछ लो बादल से, सच कहेगी पवन पुरवाई,चाँद भी चकित था, देख के…

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तेरी बिंदिया रे

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** प्रेरणा को बचपन से पूजा-पाठ करना, सजना-सॅंवरना बहुत पसंद था। एक तरफ पढ़ने में टाॅपर तो दूसरी ओर इतनी सुन्दर! उस पर जब वो अपने दमकते…

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शरद पूर्णिमा-कौमुदी महोत्सव की रात

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* देख री सखी अनुपम है ये चाँद,मोहता मुझे शरद पूर्णिमा चाँदमन कमल खिला ले सुंदर उद्गार,अदभुत ज्योति ले खिलता चाँद। सोलह कलाओं ले चमके चॉंद,धरा…

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ये हसीन चाँद

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** चाँदनी रात तेरे साथ,दो चाँद है एकसाथएक चाँद है आकाश में,दूँजा चाँद है मेरे साथ। आँखों से झलकता प्यार,दिल धड़के है बार-बारनशा गुलाबी आँखों में,डूब गया हूँ तेरी…

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आज की दोस्ती

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* लोभ कपट मिथ्या छल लंपट, है बाह्य दिखावा आज दोस्ती मधुरभाष सम्भाष मित्रता, अपनापन गुलज़ार दोस्ती। खत्म सकल रिश्ते अनुबन्धन कार्य सधे अनजान दोस्तीबीच…

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माँ के हाथ की रोटी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** उस रोज बरडू लुहार तेलू चमार के यहाँ किसी काम से गया था शायद। दोनों का एक दूसरे के आना-जाना यूँ भी चलता ही रहता था।…

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