बरगद का पेड़

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** दोपहरवटवृक्ष पेड़ तलेबैठा, सोच रहा थाइतने बड़े पेड़ का फल,इतना छोटा क्यों…? तभी एक फल,अचानक सिर पर आ गिराऔर बोध हुआ,यदि इसके फल छोटे नहीं…

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कर वंदन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* क्रंदन करना छोड़ दे, कर वंदन दिन-रात।प्रभु जी सुन के वंदना, करें सफल हर बात॥ श्रृद्धा से रख रौशनी, मन भीतर प्रभु वास।बैर-कपट मिटते सभी,…

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काव्य पाठ महोत्सव में कवि संजय ‘सागर’ एवं रश्मि ‘लहर’ सम्मानित

लखनऊ (उप्र)। मार्तण्ड साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था के संस्थाध्यक्ष डॉ. एस. पी. रावत द्वारा अगस्त माह की मासिक गोष्ठी एवं सरस कवि सम्मेलन का आयोजन २० अगस्त को आभासी…

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चाँद पर हम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* चाँद पर चंद्रयान गया है,भारत का विज्ञान गया हैभारत का उत्साह गया है,चाँद पर संकल्प गया है। धैर्य का आशीष गया है,साहस का प्रमाण गया…

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जैसे इतवार आ गया…

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** भोर का सूर्य,रक्ताभ आभा लिएहृदय को जैसे जगा गया,व्यस्त दिनों के बादजैसे इतवार आ गया। सप्ताह भर की व्यस्तता को,आंच पर चढ़ा मद्धम-मद्धमघूंट-घूंट पीकर,मन का तनाव…

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हम चंदा पर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* चंद्रयान पहुँचा चंदा पर, तीन रंग फहराये।शान बढ़ी, सम्मान बढ़ गया, हम सारे हर्षाये॥ ज़ीरो को खोजा था हमने, आर्यभट्ट पहुँचाया,छोड़ मिसाइल शक्ति बने हम, सबका…

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विश्व मंच जय-जयकारा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* विजय पताका हम फहरायें, यह प्यारा देश हमारा।चंद्रलोक पर हम जा पहुँचे, विश्व मंच जय-जयकारा॥ अतुलित ज्ञानी वैज्ञानिक हैं, कठिन तपस्या करते हैं,लक्ष्य सदा ही ऊँचे करके,…

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आ गई माँ भारती

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* सादर नमन कोटि नमन, आपको हे माता भारती,विराजिए हे माँ आसन में, नर-नारी करें आरती। आ रही हैं मेरी भारत माता, होकर शेर सवार,हिन्दुस्तानियों का पूर्ण…

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कलयुग का मानुष

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** कलयुग का मानुष बुरा, देख खड़ा है मौन।लुटती बाला रो रही, न्याय दिलाए कौन॥न्याय दिलाए कौन, लाज है खोती नारी।दुष्ट मनुज स्वाभाव, नहीं नारी अवतारी॥'आशा' कहती आज,…

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व्यापक समाज में कविता की स्वीकार्यता लगभग नहीं के बराबर

पटना (बिहार)। कविता की बारीकियों को समझने के लिए, ऑनलाइन या ऑफलाइन कविता की पाठशाला की सख्त जरूरत है। हमने इसी उद्देश्य से ऑनलाइन पाठशाला को चला रखा है। कई…

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