सम्मान हेतु १० नवम्बर तक निःशुल्क आवेदन

नागौर (राजस्थान)। कबीर कोहिनूर सम्मान- २०२४ के लिए १० नवम्बर तक निःशुल्क आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह समारोह २५ फरवरी २०२४ को नई दिल्ली में होगा।कार्यक्रम समन्वयक एवं संयोजक…

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आ भी जाओ श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तुम बिन रहा न जाय अब, आ भी जाओ श्याम।तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम साजन माधव मदन, मैं राधे रति…

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शब्द-शब्द है प्राण

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** अशुभ कभी बोलें नहीं, हो जाता आह्वान।अंतर हृदय पवित्र हो, यह ही सच्चा ज्ञान॥ स्वयं आप में झाँकिए, कैसा है व्यवहार।धर्म कर्म की राह पर, किया कभी…

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मेरे पिता-मेरा साया

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीना जैसे पिता... उनकी खामोशी में भी,मेरा भविष्य छिपा हैमेरे पिता मेरे लिए,ईश्वर की अनुपम कृपा है। मेरा साया बनकर,हमेशा मेरे साथ रहते हैंकैसी भी हो दुःख-तकलीफ़,वो…

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मेरी प्रेरणा

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** जीना जैसे पिता... पिता जो मेरी प्रेरणा थे,वही थे मेरे सम्बल,सहारेउसी ने तो जीना सिखाया,अब जीना, जैसे पिता हमारे। आए कोई मुसीबत सिर पर,बिना बोले जो समझ…

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पहली बारिश

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* शाम होने को आई और,सूरज भी पश्चिम की तरफ़झुकता चला जा रहा,अंधेरा होने के पहले हीअंधेरे का अहसास हो रहा। काले घनघोर बादल छाए,ऐसे बिजली कड़क…

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पूछ रहा हूँ स्वयं से…

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* मुझे याद है!जब मैंने पहली बार फूलों को देखा थातब वे बड़े कोमल, संजीदे से थे,मैं समझ गया, नया हूँ इनके लिए। मुझे याद है!जब मैं…

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मेरी कोशिश, पिता जैसा जीना

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** पिता का दौर कुछ और था,मेरी भाग-दौड़ कुछ और हैकोशिश यही है पिता जैसा जीऊँ,जियो तो वैसे, जैसे पिता का जीना।न दारू न सिगरेट, दूध…

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चमकते रहो

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** चाँद-तारों जैसा चमकते रहो,फूल कलियों-सा तुम महकते रहो। राह में लाख बाधाएं आयें मगर,मंज़िलों की तरफ़ यूँ ही बढ़ते रहो। मन का दर्पण निर्मल तुम्हारा रहे,देखकर…

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सरला देवी की आहुति वाले संकल्प ने गांधी जी को आकर्षित किया

पुस्तक चर्चा,,, इन्दौर (मप्र)। यह उपन्यास गल्प कृति के रूप में पाठकों के लिए रचा है। सरला देवी जी की बौद्धिक प्रतिभा और देश की आजादी के युद्ध में खुद…

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