सुनो ना

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अच्छा सुनो ना…मेरे हृदय की धड़कन,सुना क्या ! उसका सूनापनधीरे-धीरे ही सही..पर,अनंत अम्बर-साप्यार है तुमसे…। दिल अब रुकता नहीं,बात सुनता नहींक्या कहूँ उसे,जो सपने बुनता नहीं..पर सच…

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कौन पराया है या अपना!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कौन पराया है या अपना, कठिन आज सवाल समझ लो,देख लाभ अवसर पलटे वे, संगति मालामाल समझ लो। भूले रिश्ते दोस्त हृदय तल, प्रेम…

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धारदार ग़ज़लों के बादशाह हैं प्रेमकिरण-सिद्धेश्वर जी

सम्मेलन.... पटना (बिहार)। ग़ज़ल कहने वाले यह बात अपने मन से उतार दें कि, हिंदी कवियों की महफिल में, हिंदी या उर्दू ग़ज़ल कहने वाले शायरों का अकाल है। आश्चर्य…

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कश्मीर में आतंक नहीं, शांति का उजाला हो

ललित गर्गदिल्ली************************************** कश्मीर को 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है। यहां के बर्फ से ढके पहाड़ और खूबसूरत झीलें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। प्राकृतिक सुंदरता की वजह से इसे…

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काव्य संग्रह ‘अंजुरी भर समंदर’ विमोचित

जांजगीर-चांपा (छग)। लेखिका-कवियित्री श्रीमती ममता तिवारी 'ममता' के नए काव्य संग्रह 'अंजुरी भर समंदर' का विमोचन अथर्व भवन व्हीआईपी सिटी जांजगीर में किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार कवि रामफल तिवारी…

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तीन रंगों से निर्मित कफ़न हो मेरा-प्रो. खरे

काव्य गोष्ठी.... मंडला (मप्र)। यह ही चाहत यही भाव अंतर मेरे, तीन रंगों से निर्मित कफ़न हो मेरा॥ साहित्यिक विद्वज्जनों का हृदयतल से आभार ज्ञापित करता हूँ , जिन्होंने लोक…

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साहित्यकार डॉ. शुक्ल की ४ कृतियाँ लोकार्पित

मुरादाबाद (उप्र)। संस्था साहित्यिक मुरादाबाद की ओर से मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ. आर.सी. शुक्ल की ४ काव्य कृतियों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उन्हें श्रेष्ठ साहित्य साधक सम्मान…

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सावधानी बरतें, मौत और नपुंसकता को न बुलाएँ

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** भारत वर्ष एक स्वछन्द देश है। यहाँ सब प्रकार की छूट है, जैसे-अपराध हो, भ्रष्टाचार में, अनुशासनहीनता, मिलावट आदि जितनी जितना अधिक कर सको वह सब संभव है।…

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देह घड़ा कुम्हार-सा

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** देह घड़ा कुम्हार-सामाटी गूंथ बनाया,शून्य इस विराट मेंएक छोटा वृत्त समाया। माटी की दीवारें दीमध्य रिक्त स्थान आया,जल समान मन दियाफिर खालीपन न पाया। मन रंगा जीवन…

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जीत-हार में

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** उलझन ही उलझन जीवन में,फिर क्यों बात धरूँ मैं मन मेंनासमझी में जिद करने की,बात बहुत बुरी होती हैकभी-कभी हार में भी,जीत छिपी होती है। क्या करना…

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