नव सत्संवर वर्ष

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जननी जग माँ तुम अम्ब मही,तुम ही तम दोष विमोचिनी माँकमला विमला मुदिता सुफला,करती उपकार सुलोचनी माँ। तुम कालिक शूल कपाल धरे,कर मुंड सजे जग कारिनी माँकलियान…

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कहाँ खो गया स्वर्णिम संस्कार ?

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* संतान को अपने जीवन भर की,कमाई और जमा पूंजी जोड़ करविदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजा,धन अर्जन कर, प्रसिद्धि प्राप्त करने भेजा। पर क्या खबर…

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माँ आराधना नव रूप में

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* है चैत्र शुक्ल है प्रतिपदा शुभ,सनातन नववर्ष शुभ मुदित होपूजन कर नवरात्र चैत्र में,कीर्ति सुखद मुस्कान हर्ष हो। वन्दन विनत अभिनन्दन स्वागत,जाग्रत हिन्दू समाज…

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गीत गाता हूँ मैं…

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** गीत गाता हूँ मैं,बस अमन के लिए।गुनगुनाता हूँ मैं,इस चमन के लिए।मेरी हर श्वाँस कहती,वंदे मातरम्।सारा जीवन समर्पित,वतन के लिए॥ परिचय–प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल`…

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भारतीय नववर्ष लाए उमंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्वागतं नव वर्ष है अर्चनअनेक आशाओं के संगनये लक्ष्यों का जगे स्वप्नचैत्रप्रतिपदा लाए उमंग। पथ पर चलते चलो राही,चुनौतियों के लिए हो दमजीत है संकल्प…

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फल यहीं मिलता सदा

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* उल्टे-सीधे छोड़ कर, दुनिया के व्यापार।जीवन को नित दीजिए, सेहत का उपहार॥ मानवता को कर रहे, हर रोज़ खण्ड-खण्ड।जो फैलाते फिर रहे, कदम-कदम पाखण्ड॥…

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छल-बल का परित्याग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छल-बल में क्या रखा, ये लाते दुष्परिणाम।पतन सुनिश्चित ये करें, हैं दु:ख के आयाम॥ छल-बल मात्र प्रपंच हैं, बचना इनसे आज।वरना तय होगा यहाँ, झूठ-कपट का…

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वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे-डॉ. कर्णसिंह

श्रद्धांजलि-शोकसभा... दिल्ली। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और उन जैसे बहुआयामी व्‍यक्‍तित्‍व के धनी कम ही लोग पैदा होते हैं। वे सर्वधर्म समभाव के बहुत बड़े पैरोकार थे।पूर्व विदेश…

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श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय रटते रहो,जब तक तन में श्वाँस।शंकर-कंकर नाथ प्रभु,करते पूरी आस॥ शिव की महिमा क्या कहूँ, देते हाथ पसार।आशा अरु विश्वास से, जाओ हर…

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चर्म देह वस्त्र दिया

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** चर्म देह वस्त्र दियाभीतर मल के ढेर को,मर्म दिया अस्त्र रुपअहम मन के फेर को। अर्थ दिया गृहस्थ कोधर्म दिया मनुष्य को,कर्म को सत्कर्म दियाध्यान छल के…

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