छल-बल का परित्याग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छल-बल में क्या रखा, ये लाते दुष्परिणाम।पतन सुनिश्चित ये करें, हैं दु:ख के आयाम॥ छल-बल मात्र प्रपंच हैं, बचना इनसे आज।वरना तय होगा यहाँ, झूठ-कपट का…

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वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे-डॉ. कर्णसिंह

श्रद्धांजलि-शोकसभा... दिल्ली। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और उन जैसे बहुआयामी व्‍यक्‍तित्‍व के धनी कम ही लोग पैदा होते हैं। वे सर्वधर्म समभाव के बहुत बड़े पैरोकार थे।पूर्व विदेश…

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श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय रटते रहो,जब तक तन में श्वाँस।शंकर-कंकर नाथ प्रभु,करते पूरी आस॥ शिव की महिमा क्या कहूँ, देते हाथ पसार।आशा अरु विश्वास से, जाओ हर…

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चर्म देह वस्त्र दिया

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** चर्म देह वस्त्र दियाभीतर मल के ढेर को,मर्म दिया अस्त्र रुपअहम मन के फेर को। अर्थ दिया गृहस्थ कोधर्म दिया मनुष्य को,कर्म को सत्कर्म दियाध्यान छल के…

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कथात्मक साहित्य में लघुकथा का विशेष स्थान-मिथिलेश दीक्षित

सकारात्मक दिशा देने में सक्षम है समकालीन लघुकथा-सिद्धेश्वर पटना (बिहार)। विश्व कथा दिवस के अवसर पर लघुकथा के क्षेत्र में यह बहुत महत्वपूर्ण आयोजन हुआ है। कथात्मक साहित्य में लघुकथा…

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संसदीय गतिरोध से बाधित होता राष्ट्र का विकास

ललित गर्गदिल्ली************************************** संसद की कार्रवाई को बाधित करना एवं संसदीय गतिरोध आम बात हो गई है। यही स्थिति संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में देखने को मिल रही…

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हम हैं राही प्रेम डगर के

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** ना ऊंच-नीच, ना जात पात काअपना कोई बहाना रे,हम हैं राही प्रेम डगर केदिल है मेरा ठिकाना रे। बस ढाई आखर के ऊपरहै टिका हुआ यह…

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बनी मन्जिल मगर…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* बनी मन्जिल मगर राही, सभी पहले गुज़र जाएं।भटकता राह बिन ही दिल, मुसाफिर फिर किधर जाएं॥ सजाते पर्व-सा मंज़र, करे आगाज़ जब जीवन,दुखी होते पहुंचता…

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लघुकथा को विधा के रूप में प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं-डॉ. दवे

इंदौर (मप्र)। क्वांटा जहां विज्ञान की खोज है, वहीं लघुकथा भी साहित्य का महाप्रयोग है। लघुकथा को विधा के रूप में अब किसी के प्रमाण-पत्र की कोई जरूरत नहीं है।यह…

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संसार को बेरंग होने से बचाते हैं रंग ही

इंदौर (मप्र)। नारी के तन-मन और परिधानों के रंग ही संसार को बेरंग होने से बचाते हैं।प्रकृति सुंदर है फूलों के रंग से तो, समाज रंगीन है नारी के रंगों…

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